कोविड-19 की जांच के लिए 24 घंटे चलने वाले बूथ स्थापित करें, केंद्र ने राज्यों को दी सलाह
लक्षण होने पर तुरंत जांच हो राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और भारतीय चिकित्सा एवं अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, शरीर में दर्द, स्वाद या गंध का चले जाना, थकान और दस्त लगने की तकलीफ हो तो उसे कोविड-19 के संदिग्ध मरीज के रूप में देखा जाना चाहिए।
लक्षण होने पर तुरंत जांच करवानी चाहिए- ICMR केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक ने पत्र में कहा, ‘ऐसे सभी व्यक्तियों की जांच की जानी चाहिए। जांच की रिपोर्ट आने तक ऐसे लोगों को तुरंत खुद को अलग कर लेने और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के घर में पृथकवास संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जानी चाहिए।’
दोनों ही अधिकारियों ने पत्र में कहा कि आरटीपीसीआर जांच में पांच से आठ घंटे लगने के कारण नैदानिक पुष्टि में देर होती है इसलिए ‘ आपको उस विशेष परिस्थति में तीव्र एंटीजेन जांच का व्यापक उपयोग कर जांच बढ़ाने को प्रोतसाहित किया जाता है जहां आरटीपीसी जांच से चुनौतियां पैदा होती हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स