बुधवार को समाप्त हो सकता है संसद का शीतकालीन सत्र, हंगामे के बीच ये बिल रहे चर्चा में

बुधवार को समाप्त हो सकता है संसद का शीतकालीन सत्र, हंगामे के बीच ये बिल रहे चर्चा में
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नयी दिल्लीसंसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को संपन्न होने की संभावना है।संसदीय सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि चूंकि अधिकतर सरकारी विधायी कार्य अभी तक संपन्न हो चुका है, मौजूदा सत्र को उसके निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जा सकता है। मौजूदा शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और इसके 23 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम था।

इस बार की तरह इस बार का संसद सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ा। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर) राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले सत्र के दौरान कथित तौर पर किए गए ‘अशोभनीय आचरण’ इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। सासंदों के निलंबन के बाद लगातार विपक्ष सदन में निलंबन रद्द करने की मांग करता रहा मगर सभापति ने निलंबन रद्द नहीं किया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए मंगलवार को यहां मार्च निकाला। विपक्षी दलों के नेताओं एवं सांसदों ने यहां संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने से मार्च शुरू किया और विजय चौक तक गए। इस मार्च में राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, शिवसेना के संजय राउत और कई अन्य नेता शामिल थे।

राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘किसानों और आम जनता के खिलाफ जो किया जा रहा है, उसको हम स्वीकार नहीं करेंगे।’ द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि अजय मिश्रा को बर्खास्त किए जाने तक विपक्ष की लड़ाई जारी रहेगी। शिवसेना के संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘संसद का यह सत्र भले ही खत्म हो जाए, लेकिन लखीमपुर खीरी की लड़ाई चलती रहेगी। पूरे विश्व ने देखा कि मंत्री के पुत्र ने किसानों को गाड़ी से कुचल दिया, लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने नहीं देखा।’

उन्होंने कहा, ‘मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।’ विपक्षी दल पिछले कई दिनों से यह मांग कर रहे हैं कि अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए और लखीमपुर खीरी मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से अदालत में दिए गए आवेदन पर सदन में चर्चा कराई जाए। मार्च निकालने वाले कई विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि 12 सांसदों का निलंबन रद्द किया जाना चाहिए। उनका दावा है कि इन सांसदों का निलंबन असंवैधानिक है।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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