जेएनयू से नहीं हटा कश्मीर की आजादी से संबंधित पोस्टर
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कश्मीर की आजादी से संबंधित पोस्टर शुक्रवार को भी नहीं हटाया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जहां पहले इसे हटाने की बात कही थी, वहीं जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार का कहना है कि इस संबंध में प्रशासन ने कोई आदेश नहीं दिया है। एबीवीपी ने इस पर आपत्ति जताई है।
जेएनयू में एबीवीपी के नेता सौरभ कुमार शर्मा का कहना है कि पोस्टर पर जेएनयू प्रशासन ने कोई भी कार्रवाई करने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ, वामपंथी संगठन और कुछ प्रोफेसर के अलावा एनएसयूआइ भी इस पोस्टर के समर्थन में है।
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय का कहना है कि जानबूझकर यह मुद्दा उठाया गया है। पोस्टर छह महीने से भी अधिक समय का है।
रामजस कॉलेज में छात्र संगठनों के बीच झड़प के बाद शक्ति प्रदर्शन का दौर भी शुरू हो गया है। वामपंथी छात्र और शिक्षक संगठनों ने एक बार फिर शनिवार को मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक न्याय मार्च निकालने का एलान किया है। इससे पहले डीयू में वामपंथी छात्र संगठनों ने सेव डीयू मार्च निकाला था, उसके बाद तिरंगा मार्च और फिर एबीवीपी ने सेव डीयू मार्च निकाला था।
जेएनयू छात्रसंघ और शिक्षक संघ के अलावा डीयू में भी वामपंथी छात्र और शिक्षक सोशल मीडिया के जरिये लोगों को इसमें शामिल होने का आह्वान कर रहे हैं। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडेय ने उम्मीद जताई है कि इसमें काफी संख्या में छात्र और शिक्षक शामिल होंगे। आइसा की अध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि एक तरफ एबीवीपी मनमानी कर रही है और दूसरी तरफ शिक्षा के निजीकरण के मुद्दे पर मौन है।