लखीमपुर खीरी मामले में मोदी के मंत्री इस्तीफा दें, सड़क से संसद तक घेरने की तैयारी में कांग्रेस
लखीमपुर खीरी मामले पर यूपी एसआईटी की आई हालिया रिपोर्ट के बाद विपक्ष बीजेपी और मोदी सरकार को लेकर हमलावर हो चुका है। उसने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। इसकी एक झलक बुधवार को संसद के दोनों सदनों में हुए हंगामे और विपक्ष द्वारा जोरदार ढंग से उठाई गई मांग के रूप में सामने आई। जहां एक ओर विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की योजना बनाई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपने स्तर पर भी इसे लेकर चुनाव संभावित राज्यों में मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने इस मामले को लेकर मौजूदा सत्र के दौरान संसद के भीतर और उसके अलावा संसद के बाहर भी उठाने की योजना बनाई है। इस बारे में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने एनबीटी से बातचीत में कहा कि जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा, विपक्ष अपनी मांग दोहराता रहेगा। उनकी दलील थी कि एसआईटी रिपोर्ट से साफ है कि अजय मिश्रा के बेटे और उनके कार्यकर्ताओं किसानों के साथ जो भी किया, वह इरादतन किया। जिसके बेटे पर देश के निर्दोष किसानों की हत्या का आरोप हो, उसके हाथ में देश की कानून व्यवस्था व गृह मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी कैसे रखी जा सकती है। बिट्टू का कहना था कि पीएम जब यूपी जाएंगे या लखीमपुर खीरी में जाएंगे, बीजेपी के दूसरे बड़े नेता जब वहां जाएंगे तो उनसे यह सवाल तो पूछा जाएगा।
इस मामले को लेकर बुधवार को संसद भवन परिसर में कांग्रेस सांसदों की एक मीटिंग भी हुई, जिसमें इस मुद्दे को लेकर अपनी रणनीति पर चर्चा की गई। कांग्रेस की येाजना है कि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर गृह राज्य मंत्री को लेकर लगातार बीजेपी व मोदी सरकार दबाव बनाया जाए और उनके इस्तीफा की मांग जारी रखी जाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जितने मुखर होकर इस मामले को उठाया है, उससे साफ है कि कांग्रेस माैजूदा सत्र के बाद इस मामले को लेकर चुनावों में जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, यूपी और पंजाब में कांग्रेस इसे बड़े पैमाने पर मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का मानना है कि किसानों के लिए किसान कानून जितना ही संवेदनशील मुद्दा लखीमपुर खीरी मामला हो चुका है। इसलिए पार्टी अब एसआईटी रिपोर्ट को लेकर चुनावों में उठाने की तैयारी करेगी। कांग्रेस के एक सीनियर नेता के मुताबिक, कांग्रेस ही पहली पार्टी थी, जो इस मामले के बाद सिर्फ सबसे पहले उठाने की कोशिश की, बल्कि उसके नेता प्रियंका गांधी से लेकर राहुल गांधी व तमाम बड़े नेता लखीमपुर खीरी पहुंचे। कांग्रेस ने तब भी इस मामले को सोची समझी साजिश करार दिया था। एसआईटी रिपोर्ट को कांग्रेस अपने पक्ष में देख रही है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स