सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता में दरार से चिंता, सोनिया गांधी के घर हुआ महामंथन

सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता में दरार से चिंता, सोनिया गांधी के घर हुआ महामंथन
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नई दिल्लीकांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर विपक्षी नेताओं का जुटान हुआ। विपक्ष की इस मीटिंग में विपक्ष के 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन सहित अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। सोनिया के सरकारी आवास 10 जनपथ में हुई इस मीटिंग में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी चीफ शरद पवार, डीएमके नेता टी आर बालू, नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और शिवसेना सांसद जैसे चेहरे शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने इस बैठक के लिए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन को भी न्योता भेजा था। इन दोनों ने अपने प्रतिनिधियों के तौर पर राउत और बालू को भेजा।

बताया जाता है कि मीटिंग में निलंबन के मुद्दे को लेकर चर्चा हुई और सर्वसम्मति बनी कि निलंबित सांसद माफी नहीं मांगेंगे। सरकार की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि निलंबित माफी मांगें तो उनका निलंबन खत्म कर दिया जाएगा। मंगलवार को भी संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने निलंबित सांसदों से माफी मांगने की शर्त दुहराई।

वहीं, मौजूदा राजनैतिक हालात के मद्देनजर भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा हुई। शिव सेना के संजय राउत ने मीटिंग के बारे में बताया कि मौजूदा सत्र को लेकर विपक्ष की साझा रणनीति पर बातचीत के साथ ही कई और मुद्दों पर बात हुई। तय हुआ कि हम माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना था कि यह पहला ऐसा ग्रुप है। आने वाले दिनों में ऐसे और भी ग्रुप बनाए जांएगे। उन्होंने कहा कि मीटिंग में विपक्षी एकता की मजबूती के लिए राज्यों मिलकर काम करने पर जोर दिया गया। राउत ने बताया कि बुधवार को फिर एक मीटिंग होगी जिसमें एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी भाग लेंगे। वहीं, फारूख अब्दुल्ला उम्मीद जताई कि मीटिंग में हुई चर्चा के मुताबिक यूपीए और मजबूत होगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस से अलग चल रही टीएमसी मीटिंग में शामिल नहीं हुई। इस संबंध में मीडिया के सवाल पर अब्दुल्ला ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जब उनसे संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की नसीहत पर सवाल पूछा गया तो अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे नहीं, प्रह्लाद जोशी को पाकिस्तान जाने की जरूरत है। जोशी ने कहा था कि अगर अब्दुल्ला को पाकिस्तान अच्छा लगता है तो वहीं चले जाएं।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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