अपने वीर जवानों को तिरंगे के कफन में लिपटा देख फूट-फूटकर रोए लोग, बहते आंसुओं के साथ लगे वंदे मातरम-जय हिंद के नारे
मरते हैं इंसान मगर वीर कभी मरते नहीं…हां सच है उनकी गौरवगाथा हमेशा गूंजती हैं। हमेशा उनकी बहादुरी के किस्से सुनाए जाते हैं। उनके शौर्य की दास्तां दशकों-दशकों हमारे बीच में होती हैं। वो कभी नहीं बदलतीं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जनरल बिपिन रावत एक ऐसे ही वीर थे, एक ऐसे ही योद्धा थे। उम्र भी जिसके आगे घुटने टेक गई। कई बार मौत को भी मात दे दी। हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद भी ये वीर सांसें ले रहा था और हिंदी में अपना नाम बता रहा था। आज पूरा देश इनको सलाम कर रहा है। साथ ही उन 11 शहीदों को सलाम कर रहा है जिन्होंने इस क्रैश में अपनी जान गंवा दी।
लोगों ने अपने वीरों को किया सलामहेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले सीडीएस बिपिन रावत सहित 13 लोगों के पार्थिव शरीर जैसे ही गुरुवार को सुलूर वायु सेना स्टेशन पहुंचे, लोगों ने ‘वंदे मातरम्’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाना शुरू कर दिए। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य अधिकारियों का बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था।
महिलाओं के निकले आंसूसुलूर वायुसेना स्टेशन परिसर में दिवंगत जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंची आसपास के गांवों की महिलाएं भावुक नजर आईं। उन्होंने सीडीएस, उनकी पत्नी और अन्य सैन्य कर्मियों के सम्मान में ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। जब शव सुलूर वायुसेना स्टेशन पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने वंदे मातरम् के नारे भी लगाए। सुलूर में रहने वाले और एक निजी फर्म में काम करने वाले केरल के पुरुषोत्तम पिल्लई ने कहा, ‘‘यह वास्तव में दुखद क्षण था। जनरल बिपिन रावत एक ऐसे अधिकारी थे, जो भारतीय सेना का चेहरा थे और हमारे दुश्मन राष्ट्रों के खिलाफ मजबूत राय रखते थे।
दिवंगत सैनिकों को श्रद्धांजलिआप देख सकते हैं बड़ी संख्या में लोग दिवंगत सैनिकों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।’ सशस्त्र बलों के जवानों ने भी सुलूर हवाई अड्डे पर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी। सशस्त्र बलों के अनुसार, शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंपे जाने से पहले नई दिल्ली में डीएनए परीक्षण किया जाएगा। सभी शवों को नई दिल्ली लाया जाएगा और डीएनए परीक्षण और पहचान के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
अपने नायक को श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री, नौकरशाह और सशस्त्र बल के जवान गुरुवार शाम नई दिल्ली के पालम हवाई स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में शवों की अगवानी करेंगे। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को उनके सरकारी आवास कामराज मार्ग, नई दिल्ली में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शुक्रवार शाम लोधी श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स