कोविड से मौत के बाद मुआवजा नहीं दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, इन राज्यों को लगाई फटकार
ने कोरोना से हुई मौत के मामले में कुछ राज्यों के मुआवजे के भुगतान में देरी के कारण नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार को इस मामले में कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के दायर एफिडेविट पर नाराजगी जताई और कहा कि हम आपके हलफनामे से खुश नहीं हैं। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि हम सख्ती दिखाएंगे।
मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार देने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 4 अक्टूबर को कहा था कि कोविड से हुई मौत के मामले में मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह राशि देना होगा। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (एडीआरएफ) से यह रकम आवेदन और डेथ सर्टफिकेट आदि पेश करने के 30 दिनों के भीतर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा था कि कोविड से हुई मौत के मामले में मुआवजा राशि देने से राज्य इनकार नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड से हुई मौत के मामले में अगर सर्टिफिकेट में मौत का कारण कोविड नहीं लिखा है तो सिर्फ इसी ग्राउंड पर मुआवजा देने से राज्य सरकार इनकार नहीं कर सकता है।
महाराष्ट्र के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
इसी मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच में महाराष्ट्र सरकार क ओर से हलफनामा पेश किया गया। हलफनामे को देखकर सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया और कहा कि हम आपके (महाराष्ट्र) एफिडेविट से खुश नहीं हैं। महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा मौतें हुई लेकिन 37 हजार आवेदन प्राप्त हुए। एक भी पीड़ित को मुआवजा नहीं दिया गया और यह सब हास्यास्पद है।
महाराष्ट्र की ओर से पेश वकील ने मांगा समय
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह सब स्वीकार नहीं कर सकते। इस दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि उन्हें मुआवजे भुगतान के लिए कुछ वक्त दे दिया जाए। तब सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि हम राज्य सरकार के खिलाफ सख्ती से पेश आएंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस शाह ने महाराष्ट्र सरकार के वकील से कहा कि कहा कि आप इसे अपने जेब में रखें और अपने सीएम को दें।
पश्चिम बंगाल और राजस्थान ने भी बरती लापरवाही!
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वेस्ट बंगाल के वकील से कहा कि पश्चिम बंगाल में कोविड से 19000 लोगों की मौत हुई। लेकिन 467 लोगों का आवेदन मिला और सिर्फ 110 लोगों को मुआवजा दिया गया। कोर्ट ने कहा कि राजस्थान में 9 हजार लोगों की कोविड से मौत हुई और 595 आवेदन मिले हैं लेकिन मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि वह सरकार से कहें कि वह इंसान बन जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब नोटिस जारी किया गया तब ज्यादातर राज्यों ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया। अदालत ने राज्यों से कहा कि मुआवजा राशि के बारे में व्यापक प्रचार किया जाए। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स