तालिबान का डर, अफगानिस्तान नहीं लौटना चाहते ट्रेनिंग के लिए भारत आए आर्मी अफसर
ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने भारत आए अफगानिस्तान के आधा दर्जन से अधिक आर्मी अफसरों ने वतन लौटने से इनकार कर दिया है। उन्हें डर है कि अफगानिस्तान लौटने पर तालिबान उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगा। इन अफसरों ने शनिवार को दिल्ली स्थित अफगानिस्तान एंबेसी के बाहर हंगामा किया।
सूत्रों के मुताबिक, अफगान आर्मी अफसरों का कहना है कि वतन में उनके घरों को तबाह कर दिया गया है। वहां हालात खराब हैं। हम अमेरिकी वीजा चाहते हैं, लेकिन हमें यूएस का वीजा नहीं दिया जा रहा। हम कई दिनों से दिल्ली में इस वीजा के लिए भटक रहे हैं। मामला बढ़ता देख चाणक्यपुरी थाने की पुलिस और अफसर पहुंचे। पुलिस ने दखल देकर अफगान एंबेसी के अधिकारियों से आर्मी अफसरों को मिलवाया।
जब काबुल में तालिबान नहीं था, तब आए थेअफगानिस्तान से ये सभी अफसर उस समय भारत आए थे, जब वहां तालिबान का कब्जा नहीं था। इनमें 7 अफगान कैडेट को चेन्नै में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी में प्रशिक्षण हुआ। ये कैडेट वहां भारतीय कैडेट के साथ इंटिग्रेटेड आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा थे। सूत्रों ने बताया, 124 जेंटलमैन कैडेट्स, 29 महिला कैडेट्स और विदेशी राष्ट्रों के 25 कैडेट्स ने शनिवार को चेन्नै में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी में पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। चार दिन पहले ही ये दिल्ली पहुंचे हैं।
ये 23 नवंबर को सबसे पहले अमेरिकी एंबेसी गए थे, जहां आर्मी ऑफिसर्स ने यूएस वीजा के लिए अप्लाई किया, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। मौजूदा समय में 80 से अधिक अफगान कैडेट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं। फिलहाल अफगान कैडेट्स को यूएस वीजा मिलने में जो अड़चनें आ रही हैं, उनको दूर करने के लिए एंबेसी के अधिकारी जुटे हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स