'परमबीर सिंह ने कसाब का फोन किया था नष्ट' रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर का आरोप
परमबीर सिंह पर अब बड़ा आरोप लगा है। यह पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब से संबंधित है। वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले में पकड़े गए जिंदा आतंकी कसाब के पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन को नष्ट किए जाने का आरोप पर लगाया है। यह आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस से रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर शमशेर खान पठान ने।
रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर शमशेर खान पठान ने दावा किया है कि 26/11 आतंकी हमले के दोषी मोहम्मद अजमल कसाब से जब्त किए गए मोबाइल फोन को ‘नष्ट’ कर दिया था। पठान ने जुलाई में मुंबई पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत देकर पूरे मामले की जांच कराए जाने और परमबीर सिंह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की थी। 26/11 आतंकी हमले की बरसी और परमबीर सिंह के करीब छह माह बाद मुंबई लौटने के बाद एक बार फिर इस मामले ने तूल पकड़ा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई शिकायत
रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर पठान ने करीब चार महीने पहले ये शिकायत दी थी। हालांकि, गुरुवार को जबरन वसूली के मामले में परमबीर सिंह के मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश होने के बीच यह शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। परमबीर सिंह को इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाया गया था और उनके स्थान पर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले ने पदभार संभाला था।
इंस्पेक्टर से सूचना मिलने की कही बात
अपनी शिकायत में पठान ने कहा है कि डीबी मार्ग थाने के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एनआर माली ने उन्हें सूचित किया था कि उन्होंने कसाब के पास से एक मोबाइल फोन जब्त किया है। फोन को कांबले नाम के कांस्टेबल को सौंपे जाने की बात कही थी। पठान ने आरोप लगाया कि आतंकवाद निरोधक दस्ते के तत्कालीन डीआईजी परमबीर सिंह ने कांस्टेबल से मोबाइल फोन ले लिया था।
उन्होंने शिकायत में दावा किया है कि फोन आतंकी हमले के जांच अधिकारी रमेश महाले को सौंपा जाना चाहिए था, लेकिन सिंह ने ‘साक्ष्य के महत्वपूर्ण टुकड़े को नष्ट कर दिया।’ इस पूरे मामले पर परमबीर सिंह की टिप्पणी सामने नहीं आयी है। कसाब को 13 साल पहले मुंबई में कई जगहों पर हुए आतंकी हमले के दौरान जिंदा पकड़ा गया था। सुप्रीम कोर्ट में उसकी मौत की सजा पर सुनवाई हुई। मामले में संलिप्तता साबित होने के बाद उसे नवंबर 2012 में फांसी दे दी गई थी।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स