मौत के वक्त कमाता ना हो मृतक फिर भी बीमा कंपनियों को देना होगा मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि एक्सिडेंट में मौत के वक्त अगर मृतक की आमदनी न भी रही हो तो भी उसके भविष्य की संभावित आमदनी के आधार पर मृतक के वारिस मुआवजे के दावेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि मृतक की भविष्य की आमदनी वही बनी रहती और उसकी आमदनी की स्थिति में कोई बढ़ोतरी व बदलाव नहीं होता।
मौजदा मामले में मुआवजे का दावा करने वाले शख्स के बेटे की 12 सितंबर 2012 का एक्सिडेंट हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी। वह घटना वक्त बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था और तीसरे वर्ष में पढ़ रहा था। इस मामले में मृतक के कानूनी वारिस ने अर्जी दाखिल कर मुआवजे की मांग की। मध्यप्रदेश की निचली अदालत यानी मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने कुल 12 लाख 85 हजार रुपये मुआवजा दिए जाने का निर्देश दिया। इस फैसले को रेलवे व केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मुआवजे की राशि घटाकर 6 लाख 10 हजार कर दी। मुआवजे की राशि का आंकलन करते हुए मृतक की आमदनी न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से पांच हजार आंकी गई। इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृतक शैक्षणिक तौर पर क्वालिफाईड लड़का था और उसका फैमिली बैकग्राउंड आदि को देखते हुए उसका भविष्य उज्जवल था। ऐसे में उसकी आमदनी न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा आंकलन किया जाएगा और यह आमदनी 10 हजार तय किया जाता है। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज की जाती है कि उसकी भविष्य की संभावित आमदनी को न जोड़ा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये नहीं सोचा जा सकता है कि जिसकी मौत हुई है उसकी आमदनी फिक्स रहेगी और नहीं बढ़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हमारा मत है कि मौत के वक्त अगर उस शख्स की नौकरी न रही हो या आमदनी नहीं रह हो तो भी उसके कानूनी वारिसों को उसके भविष्य की सभावित आमदनी के आधार पर मुआवजा पाने का अधिकार है। मृतक घटना के वक्त 21-22 साल का था और उसकी आमदनी 10 हजार मानी गई है और उसके भविष्य की आमदनी 40 फीसदी आंका गया है इस तरह से उसकी कुल आमदनी 14 हजार प्रति महीने तय हुई है और 18 गुणा के हिसाब से यह रकम 15 लाख 12 हजार तय होती है। साथ ही परिवार को प्यार आदि की हानि के एवज में 70 हजार रुपये और मिलेंगे यानी कुल 15 लाख 82 हजार रुपये बतौर मुआवजा मृतक के परिजन को 7 फीसदी की दर से भुगतान किया जाएगा।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स