अमरावती हिंसा के आरोप में पूर्व मंत्री अनिल बोंडे समेत 13 गिरफ्तार, 14 हजार लोगों पर केस
अमरावती में 13 नवंबर को भाजपा द्वारा आहूत बंद के दौरान दुकानों पर पथराव की घटना से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता अनिल बोंडे और 13 अन्य आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। बोंडे के अलावा अमरावती जिले की भाजपा अध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहर के महापौर चेनत गावंडे और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी को भी गिरफ्तार किया गया। इन सभी को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें जमानत मिली। इस बीच, सोमवार को अपराह्न दो बजे से चार बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई। हालांकि, इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं।
अमरावती की पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा रही है और गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार कर्फ्यू के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अमरावती शहर में शुक्रवार और शनिवार के बाद हुई सिलसिलेवार हिंसक घटनाओं के संबंध में 26 अलग-अलग अपराधों में 14,673 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
हिंसा के बाद लगाया गया था कर्फ्यू..इंटरनेट भी था बंद
त्रिपुरा में कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरोध में शुक्रवार को रजा एकेडमी द्वारा बिना अनुमति कई स्थानों पर निकाली गई रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं सामने आयी थीं। इसके बाद, शनिवार को पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती शहर में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से आयोजित बंद के दौरान भीड़ द्वारा दुकानों पर पथराव करने के बाद चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
9 लोगों को किया गया गिरफ्तार
अमरावती पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘रजा अकादमी द्वारा 12 नवंबर को अमरावती जिला कलेक्ट्रेट तक बिना अनुमति लिए निकाले गए मार्च के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में 8,364 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए और उनमें से नौ को गिरफ्तार किया गया।’
6 हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज
बयान के मुताबिक, पुलिस ने 13 नवंबर की हिंसा के संबंध में 6,309 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं और 53 लोगों को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से हथियार जब्त किए।
9 पुलिसकर्मी घायल, जांच के लिए बनाईं गई टीमें
इसके मुताबिक, भाजपा और अन्य संगठनों द्वारा किए गए पथराव के चलते एक अधिकारी समेत नौ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने दोनों घटनाओं की जांच के लिए अलग-अलग टीम बनायी हैं।
विधान परिषद सदस्य प्रवीन पोटे की तलाश में जुटी पुलिस
पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को सोमवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया गया जबकि अन्य भाजपा नेता और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कम से कम दो सदस्यों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस हिंसा में शामिल रहने के आरोपी विधान परिषद सदस्य प्रवीन पोटे की भी तलाश में जुटी है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स