दिल्ली में मुहर के बाद बढ़ेगी गहलोत की टीम, सचिन के 'वफादारों' को मिलेगा मौका?
कांग्रेस देगी राजस्थान में एकजुटता का संदेश राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव से कांग्रेस के पक्ष में बने माहौल से भी कांग्रेस आलाकमान उत्साहित है। वह अब गहलोत और पायलट के बीच चलने वाली सियासी जंग को भी विराम देना चाहता है, जिससे गहलोत और पायलट के बीच चल रही खींचतान को खत्म किया जा सके । साथ ही साल 2023 के विधानसभा आम चुनाव में पार्टी को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
27 अक्टूबर की रात हो चुकी है मंत्रणापता चला है कि विधान सभा उप चुनाव परिणामों से पूर्व ही 27 अक्टूबर की रात को कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन और सीएम अशोक गहलोत इस पर गहन मंत्रणा कर चुकी है। विधानसभा उप चुनाव परिणामों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर अपना पूरा होमवर्क कर चुके हैं । ऐसे में वह कभी भी दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से इस पर मोहर लगवा आएंगे, जिससे उनके मंत्रिमंडल पुनर्गठन का रास्ता साफ हो सके। सियासी जानकारों ने बताया कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन के साथ साथी इसी महीने राजनीतिक नियुक्तियों का सिलसिला भी शुरू होने वाला है।
अधिकतम 30 मंत्री रहने की संभावनाजानकारों के अनुसार 200 विधायकों वाले राजस्थान विधानसभा में अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं । अभी गहलोत कैबिनेट में उनके सहित 21 मंत्री हैं और चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को गुजरात और पंजाब का प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 7 -8 नए मंत्री बनाने के साथ-साथ कुछ मंत्रियों से इस्तीफा भी ले सकते हैं ।
सचिन पायलट समर्थकों को कितना मिलेगा स्पेस? गहलोत राजस्थान की राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं। वह कभी भी मंत्रिमंडल की अधिकतम सीमा 30 को पूरा नहीं करेंगे। 2 -3 मंत्रियों की जगह खाली रखेंगे, जिससे कभी भी असंतोष होने की स्थिति मंत्रिमंडल में शामिल करने का रास्ता खुला रह सके। गहलोत के नजदीकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार सीएम गहलोत अगले सप्ताह दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मिल मंत्रिमंडल पुनर्गठन के साथ-साथ राजनीतिक नियुक्तियों पर भी फैसला करने वाले हैं। यह बात दीगर है कि सीएम गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों में सचिन पायलट समर्थकों को कितना समायोजित करते हैं
( प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट)
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स