8वीं की छात्रा ने सीधे चीफ जस्टिस को लिखी चिट्टी….. और हो गया ऐक्शन!
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने तेलंगाना की एक स्कूली छात्रा के लेटर पर ऐक्शन लेते हुए बस सर्विस को बहाल कराया है। स्कूली स्टूडेंट ने चीफ जस्टिस को लेटर लिखकर कहा था कि कोरोना के समय बस सर्विस बंद होने से उसे स्कूल जाने में परेशानी हो रही है। चीफ जस्टिस के दखल के बाद तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने बस सर्विस बहाल कर दी है।
तेलंगाना राज्य के रंगारेडी जिले के एक गांव में रहने वाली आठवीं क्लास की छात्रा पी वैष्णवी ने चीफ जस्टिस को लेटर लिखा और कहा कि कोरोना के कारण उसके गांव की बस सेवा बंद कर दी गई। वह आठवीं में है और उसकी दो बहनें भी पढ़ती हैं।
कोरोना की पहली लहर में उसके पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उसकी मां की आमदनी इतनी नहीं है कि वह स्कूल ऑटो से जा पाए। वह इस कारण स्कूल नहीं जा पा रही है। चीफ जस्टिस से मामले में दखल की गुहार लगाई गई।
चीफ जस्टिस रमना ने इस लेटर के आधार पर तेलंगाना राज्य रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को ध्यान दिलाया और उन्हें कहा कि बच्चे की एजुकेशन का अधिकार है, वह प्रभावित नहीं होना चाहिए और ऐसे में बस सेवा बहाल होनी चाहिए। इसके बाद ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के एमडी ने टि्वट कर कहा कि इस मामले में चीफ जस्टिस ने दखल दिया और बस सेवा बहाल कर दी गई है।
इससे पहले भी केरल की एक पांचवीं की स्टूडेंट ने जून में चीफ जस्टिस को लेटर लिखा था जिसका चीफ जस्टिस ने जवाब दिया था। केरल की एक पांचवीं की स्टूडेंट ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट की ओर से संज्ञान लेकर प्रभावकारी रूप से दखल देने और लोगों की जान बचाए जाने को लेकर अदालत की सराहना की थी।
पांचवीं की स्टूडेंट लिडविना जोसेफ ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना को लेटर लिखा था और एक चित्र भी साथ में लगाया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट जज की ओर से कोरोना वायरस पर अटैक करते दिखाया गया था। इस लेटर का जवाब देते हुए चीफ जस्टिस ने लड़की के उज्जवल भविष्य की कामना की थी।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स