हरियाणा में 3.3 तीव्रता का आया भूकंप, घरों से निकले लोग
बार-बार भूकंप से धरती का कांपना किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं माना जा रहा है। तेज आवाज के साथ जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए लोग घरों और दुकानों से बाहर गलियों में निकल आए। भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण बाजार में तो बहुत से लोगों को भूकंप आने का आभास तक नहीं हुआ, लेकिन घरों में लोगों को भूकंप की कंपन और आवाज साफ तौर से महसूस की गई।
अनेक लोगों के घरों की दीवारों में भूकंप से दरारें आ गई हैं। जिसमें दमदमा मोहल्ला के अर्पित और अन्य लोग शामिल हैं। झज्जर सहित एनसीआर क्षेत्र में बार-बार आ रहे भूकंप के झटके लोगों के लिए अब खतरे की घंटी भी बनते जा रहे हैं।
इससे पहले गुजरात में 4 नवंबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसकी तीव्रता 5 रिक्टर मापी गई थी। इसका केंद्र द्वारका से 223 किमी उत्तर पश्चिम में था। 31 अक्टूबर को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के सिरोंचा तालुका में 4.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। भूकंप का केंद्र सतह से 77 किलोमीटर नीचे था।
भूकंप क्यों आते हैंधरती के अंदर प्लेटों के टकराना भूकंप आने की मुख्य वजह है। सात प्लेट्स धरती के अंदर पाई जाती हैं। ये लगातार घूमती रहती हैं। ये प्लेटें जब किसी जगह पर आपस में टकराती हैं तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती है। प्लेट्स टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजने लगती है। इसी कारण से भूकंप आते हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स