उत्तराखंड : पूर्व सैनिकों को लुभाने में जुटी पार्टियां, BJP निकाल रही सैन्य सम्मान यात्रा, कांग्रेस का 20 % टिकट देने का इरादा
सैन्य बहुल उत्तराखंड राज्य में चुनाव से पहले सभी पार्टियां पूर्व सैनिकों को लुभाने में जुटी हैं। राज्य में बड़ी संख्या मे पूर्व सैनिक और सैनिकों के परिवार के लोग हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को जहां सैन्य सम्मान यात्रा से उम्मीद है वहीं कांग्रेस पूर्व सैनिकों को ज्यादा टिकट देने की बात कर रही है। आम आदमी पार्टी ने तो अपना सीएम उम्मीदवार ही इंडियन आर्मी से रिटायर्ड ऑफिसर को बनाया है।
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है और अपने सीएम उम्मीदवार के बैकग्राउंड का जमकर प्रचार भी कर रही है। दो दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव और पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने पूर्व सैनिकों को 20 प्रतिशत टिकट देने पर विचार करने की घोषणा की है। हरीश रावत ने कहा कि मैंने कांग्रेस से जुड़े पूर्व सैनिकों से पार्टी के कार्यक्रमों से जुड़ने और उसके लिए जुटने का आह्वान किया है और कहा है कि हम 20 प्रतिशत स्थानों पर टिकट देने के लिए उनके नामों पर विचार करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि टिकट दिए जाने में जीतने की संभावनाएं पहले देखी जाती हैं और इसमें भी देखा जाएगा ।
बीजेपी सरकार देहरादून में शहीद स्मारक बना रही है जिसके पहले चरण में शहीद सम्मान यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा शहीद सैनिकों के घर तक जा रही है और उनके आंगन की मिट्टी एकत्र कर रही है। बीजेपी को उम्मीद है कि इसके जरिए बीजेपी पूर्व सैनिकों और सैनिकों के परिवार वालों तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहेगी।
बीजेपी नेता के मुताबिक बीजेपी ही इकलौती राष्ट्रवादी पार्टी है और सैनिकों के लिए बीजेपी ने जितना किया है उतना किसी पार्टी ने नहीं किया। उत्तराखंड में सभी पार्टियां पूर्व सैनिकों को लुभाने की कोशिश में इसलिए हैं क्योंकि यह एक बड़ा वोट बैंक है। राज्य में डेढ़ लाख से ज्यादा पूर्व सैनिक और सैनिक विधवा हैं। उत्तराखंड के तीन हजार से ज्यादा सैनिक हर साल रिटायर होते हैं। आर्म्ड फोर्सेस (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) में उत्तराखंड से अभी करीब 70 हजार सैनिक हैं। राज्य में सैनिक-पूर्व सैनिक और उनके परिवार के ही करीब 4.5 लाख वोटर्स हैं। राजनीतिक लिहाज से यह संख्या काफी अहम है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स