चीन को शिकस्त देने के लिए सेना की तैयारी, बॉर्डर से आई हवाई अभ्यास की तस्वीरें
पूर्वी लद्दाख में चीन को करारा जवाब देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। भारतीय सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड पूर्वी लद्दाख में एक अभ्यास के जरिए अपनी रैपिड रिस्पॉन्स क्षमता को परख रही है। इसके तहत उत्तरी सीमा में भारतीय सेना ने हवा से सैनिकों को एक जगह पर उतारने का परीक्षण किया। इसके साथ ही लड़ाकू क्षमता (कॉम्बेट कैपिबिलिटी) का अंदाजा लगाया गया।
चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना अपनी तैयारियों को और पुख्ता कर रही है। सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड अपनी रैपिड रिस्पॉन्स क्षमताओं की समीक्षा के लिए पूर्वी लद्दाख में उत्तरी सीमाओं पर हवाई अभ्यास कर रही है।
पूर्वी लद्दाख में चीन को करारा जवाब देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। भारतीय सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड पूर्वी लद्दाख में एक अभ्यास के जरिए अपनी रैपिड रिस्पॉन्स क्षमता को परख रही है। इसके तहत उत्तरी सीमा में भारतीय सेना ने हवा से सैनिकों को एक जगह पर उतारने का परीक्षण किया। इसके साथ ही लड़ाकू क्षमता (कॉम्बेट कैपिबिलिटी) का अंदाजा लगाया गया।
14 हजार फीट की ऊंचाई पर अभ्यास
सोमवार को सैनिकों को 14 हजार फीट की ऊंचाई पर एक इलाके में एयर ड्रॉप किया गया। ये सैनिक पहले से ही हाई एल्टीट्यूट के लिए अभ्यस्त थे। सी-130 और एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए सैनिकों के साथ, खास वीइकल और मिसाइल डिटेचमेंट को पांच अलग-अलग माउंटेन बेस पर ड्रॉप किया गया।
दुश्मन को चकमा देते हुए कब्जा करने की रणनीति
इस अभ्यास में देखा गया कि किस तरह सटीक जगह पर ड्रॉप किया जा सकता है। साथ ही कोई तय जगह को किस तरह सरप्राइज देते हुए कब्जे में किया जा सकता है। यह ड्रॉप इसलिए चुनौतीपूर्ण रहा क्योंकि तापमान बेहद कम था और इलाका मुश्किल था।
माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में दिखाया जज्बा
एक्सरसाइज में ऑक्सिजन कॉम्बेट फ्री फॉल जंप, इंटीग्रेटेड बैटल ड्रिल भी की गई। एक्सरसाइज अभी जारी है। सूत्रों के अनुसार, शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान और अत्यधिक ऊंचाई वाले दुर्गम क्षेत्र में सैनिकों को पहुंचाना चुनौतीपूर्ण था।
पिछले साल से जारी है गतिरोध
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से ही गतिरोध कायम है जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद गलवान घाटी में दोनों सेनाएं आमने-सामने आई थीं जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।
LAC पर तैनात हैं दोनों देशों के सैनिक
सैन्य और राजनयिक वार्ताओं की एक श्रृंखला के बाद भारत और चीन ने अगस्त 2020 में गोगरा क्षेत्र में और फरवरी 2021 में पैंगोंग झील से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी। संवेदनशील क्षेत्र में LAC पर अभी दोनों देशों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स