सत्यपाल मलिक के सवालों से असहज हुई बीजेपी, किसान आंदोलन, अंबानी की फाइल के बाद अब गोवा का भ्रष्टाचार

सत्यपाल मलिक के सवालों से असहज हुई बीजेपी, किसान आंदोलन, अंबानी की फाइल के बाद अब गोवा का भ्रष्टाचार
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नई दिल्ली
मेघालय के राज्यपाल एक के बाद एक ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जिससे बीजेपी की चिंता बढ़ती जा रही है। हाल फिलहाल में उन्होंने कई ऐसे बयान दिए जिससे उन्होंने सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। पहले किसानों के मुद्दे पर फिर अंबानी और आरएसएस से जुड़े व्यक्ति के फाइल पर रिश्वत वाली बात। सत्यपाल मलिक ने कल गोवा में भ्रष्टाचार की बात कही जिसके बाद अब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा और पीएम मोदी से मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट को बर्खास्त करने की मांग कर डाली।

सत्यपाल मलिक के बयान के बाद कांग्रेस आक्रामक
कांग्रेस पार्टी ने सत्यपाल मलिक के एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उनके कैबिनेट मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त करने का आग्रह किया। मलिक ने राज्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। मलिक वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल हैं। उन्होंने कहा था कि गोवा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार था, यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी, विशेष रूप से लॉकडाउन के दौरान राशन वितरण में और खनन ट्रकों की आवाजाही पर आंखें मूंद ली गई थी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री और उनकी पूरी मंत्रिपरिषद को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए, क्योंकि वे महामारी के बीच बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में सीधे तौर पर शामिल हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं, यह भाजपा द्वारा नियुक्त राज्यपाल हैं जो ये आरोप लगा रहे हैं। आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री को आकर जवाब देना चाहिए। आप मन की बात करते हैं। इस मुद्दे पर एक मन की बात करें। मुझे उम्मीद है कि आज शाम तक प्रधानमंत्री सावंत और पूरी कैबिनेट के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।


सत्यपाल मलिक का दावा जिसके बाद विपक्ष को मिला मौका

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पिछल दिनों ने एक सनसनीखेज दावा किया। उनके मुताबिक उनके कार्यकाल के दौरान उनसे कहा गया था कि यदि वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे। हालांकि, उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया। उन्होंने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर समझौता करने की कोई जरूरत नहीं है।

इससे पहले सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसानों का प्रदर्शन जारी रहा तो वह अपने पद से इस्तीफा देकर उनके साथ खड़े होने के लिये तैयार हैं। इससे पूर्व सत्यपाल मलिक 7 जनवरी 2019 को जब जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। इसी दिन सत्यपाल मलिक ने बयान दिया कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था किसी भी अन्य राज्य से अच्छी है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लॉ एंड ऑर्डर की तुलना बिहार की राजधानी पटना से की। उन्होंने कहा है कि पटना में एक दिन में जितनी हत्याएं हो जाती हैं, उतनी हत्याएं कश्मीर में एक सप्ताह में होती हैं।

फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स

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