नीतीश के पूर्ण शराबबंदी कानून के 6 महीने पूरे
पटना :इसी साल बिहार में एक अप्रैल को देशी और 5 अप्रैल को पूर्ण शराबबंदी की घोषणा हुई थी. इस कानून को लागू हुए 6 महीने बीत चुके हैं. इस दौरान राजनीतिक दलों ने इसे सियासी मुद्दा बनाने की पूरी कोशिश की और बनी भी. लेकिन राजनीति से अलग शराबबंदी का जो सामाजिक असर हुआ है उसकी बातें करनी भी जरूरी है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. उनका दावा है कि शराबबंदी से सामाजिक क्रांति हुई है. साथ ही वो कहते हैं कि शाम होते ही चौक-चौराहे और गली-मोहल्लों में हंगामा और मारपीट की खबरें आती थी लेकिन अब शांति है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो बिहार में पूर्ण शराबबंदी का राजनीतिक असर जो भी हो सामाज पर इसका सुखद प्रभाव देखने को मिला. पड़ताल के बाद कहने की स्थिति में हैं कि समाज ने शराबबंदी को अपनाया है. हां, इस कानून के तहत तो कठोर सजा के जो प्रावधान किए गए हैं वो बहस का मुद्दा जरूर हो सकता है.