नवरात्रि में बिजली कटौती से भड़क न जाए हिंसा, बांदा के DM ने क्यों जताई आशंका
कोयले की कमी से देशभर में गहराए बिजली संकट का असर बांदा में भी दिखाई पड़ने लगा है। यहां शहर मुख्यालय को छोड़कर सभी गांवों में रात्रिकालीन कटौती होने से जनाक्रोश बढ़ रहा है। खासकर इस समय चल रहे नवरात्रि महोत्सव के कारण देवी भक्तों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। विद्युत कटौती के कारण किसी बवाल की आशंका से जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर ग्रामीण क्षेत्रों में रात में कटौती नहीं करने की मांग की है।
जिले में पिछले कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती होने से लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री की कटौती मुक्त बुंदेलखंड की घोषणा भी हवा हवाई साबित हो रही है। जिले के अधिकांश गांवों-कस्बों में शाम को 7 बजे से बिजली गुल हो जाती है।
डीएम को लिखना पड़ा पत्रवहीं, नवरात्रि महोत्सव शुरू होने से गांव-गांव में देवी मूर्तियां रखकर श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर रहे हैं। रात में देवालयों और देवी मंदिरों में देवी गीत होते हैं। ऐसे में कटौती होने से अव्यवस्था का खतरा बना हुआ है। इस खतरे को भांपते हुए जिलाधिकारी अनुराग पटेल को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा के प्रथम प्रबंध निदेशक को पत्र लिखना पड़ा है।
अव्यवस्था फैलने का भयडीएम ने प्रबंध निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि बांदा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नवरात्रि के समय मां दुर्गा की जगह-जगह मूर्तियां स्थापित कर पूजा-अर्चना का कार्य सायंकाल के समय से शुरू हो जाता है। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं, लेकिन रात्रि में अघोषित विद्युत कटौती होने के कारण श्रद्धालुओं में भारी रोष व्याप्त होने के साथ-साथ अव्यवस्था फैलने का भय बना हुआ है।
‘रात के समय दी जाए बिजली’ऐसे में मुख्यालय में निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति दिए जाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी रात्रि को होने वाली अघोषित कटौती को मुक्त कराया जाना अत्यन्त आवश्यक है। इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो ग्रामीण क्षेत्र में दिन के दोपहर बारह बजे से शाम पांच बजे तक बिजली कटौती की जा सकती है। उन्होंने मांग की है कि जिले के अन्तर्गत मुख्यालय में चौबीस घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि को विद्युत आपूर्ति की जाए, ताकि किसी तरह का बवाल न होने पाए।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स