बापू के साबरमती आश्रम का होगा जीर्णोद्धार, वापस आएगा 1949 का लुक
गुजरात सरकार इसपर 1200 करोड़ खर्च करेगी। सरकार का दावा है कि यह आश्रम गांधी की विरासत को इस तरह आश्रम में स्थापित करेगी कि पूरे विश्व के लोग देश के राष्ट्रपिता को और बेहतर तरीके से जान पाएंगे। यह विश्व का सबसे बेहतरीन आश्रम होगा। अधिकारियों के अनुसार नया आश्रम न सिर्फ बृहद होगा बल्कि इसमें गांधी दर्शन को नजदीक से दिखाने के लिए व्यापक प्रबंध किये जाएंगे।
लंबे समय से थी मांग आश्रम का जीर्णोद्धार का काम देख रहे अधिकारी के कैलाशनाथन ने कहा कि पिछले कई सालों से मांग चल रही थी कि चूंकि आश्रम और स्मारक से जुड़े भवन बिखरे हुए हैं और उनका एक कॉमन प्रांगण नहीं है, ऐसे में यहां आने वाले गांधी के प्रशंसकों को उन्हें जानने का ऐसा अनुभव नहीं हो पाता है जो अपेक्षित है। लेकिन नये स्वरूप में गांधी की विरासत आश्रम में पूरी तरह वापस हो जाएगी जिसे पूरा विश्व देख पाएगा। कैलाशनाथन पीएम मोदी के करीबी विश्वासी अधिकारी माने जाते हैं। प्रस्ताव के अनुसार गांधी आश्रम का परिसर 5 एकड़ से बढ़कर 55 एकड़ का हो जाएगा और इससे जुड़े सभी 43 भवन एक ही प्रांगण में आ जाएंगे।
ठीक 1949 जैसा होगा लुक महात्मा गांधी ने 1917 में सत्याग्रह आश्रम बनाया था जहां वे 1930 तक रहे थे। यही वह वक्त था जब भारत की आजादी की पटकथा इसी आश्रम से लिखी गई थी। तब आश्रम 120 एकड़ में फैला हुआ था जिसमें 47 एकड़ में भवन परिसर था जिसमें 63 बिल्डिंग थी। लेकिन बाद के सालो में उपेक्षा के कारण गांधी आश्रम मात्र 5 एकड़ में सिमट कर रह गई और बाकी बचे 43 भवन आश्रम परिसर से बाहर निकल गये। अब उसे फिर पुराने स्वरूप में लाने की योजना है जिसे गांधी ने बनाया था। कैलाशनाथन के अनुसार यह ठीक ऐसा दिखेगा जैसा 1949 में दिखता था।
अधिकारियों के अनुसार जीर्णोद्धार की जरूरत इसलिए भी पड़ी क्योंकि गांधी की 63 विरासत में मात्र 43 विरासत अब शेष रह गई है। गांधी आश्रम के जीर्णोद्धार का डिजायन बिमल पटेल ने बनाया है जो सेंट्रल विस्टा का डिजायन बनाने वालों में शामिल हैं।
250 परिवार होंगे विस्थापितइस पूरे प्रक्रिया में आपसपास रहने वाले 250 परिवारों को विस्थापित किया जाएगा। सरकार के अनुसार सभी परिवार को बेहतर मुआवजा और संसाधनों के साथ दूसरी जगह स्थापित किया जाएगा। इसमें 50 से अधिक परिवारों ने सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया है।
गांधी आश्रम के प्रस्तावित रूप में हर भाषा में गांधी दर्शन के बारे में बताया जाएगा। सरकार के अनुसार अभी देश ही नहीं विदेशों से भी हजारों लोग गांधी के विचारों से प्रभावित होकर आते हैं लेकिन वे आश्रम मे गांधी दर्शन का अनुभव नहीं कर पाते। दावा है कि जीर्णोद्धर के बार गांधी आश्रम गांधी विरासत को अगली पीढ़ी तक ले जाने में मदद करेगा।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स