रसोई गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों का कांग्रेस ने किया विरोध
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने रसोई गैस सिलेण्डर के दामों में बढ़ोत्तरी का पुरजोर विरोध करते हुये कहा कि केन्द्र में बैठी मोदी की भाजपा सरकार गरीब मजदूर किसान विरोधी है। मोदी सरकार की गलत नीति के कारण प्रतिदिन महंगाई का बढ़ना, मोदी सरकार के जनविरोधी होने का जीताजागता प्रमाण है। 2014 से लेकर अब तक सिलेण्डर के दामों लगभग 650 रूपया की बढ़ोत्तरी हुई है। गरीब जनता को सिलेण्डर से मिलने वाला सब्सिडी खत्म किया गया और दामों में वृद्धि हो रही है।
आज फिर गैस सिलेंडर में 15 रू. की बढ़ोत्तरी हुयी है। 15 रू. प्रति सिलेंडर की वृद्धि सब्सिडी और गैर सब्सिडी दोनों तरह की एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में की गयी है जुलाई में अब तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर की कीमत में 90 रू. तक की वृद्धि की जा चुकी है। केन्द्र सरकार ने समय-समय पर मूल्य वृद्धि करके एलपीजी पर सब्सिडी को समाप्त कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के दामों में 2014 के पहले मुकाबले भारी गिरावट है। उसके बावजूद मोदी सरकार के द्वारा पेट्रोल डीजल में प्रति लीटर लगाई गये एक्साइज ड्यूटी के चलते महंगे दामों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की जा रही है।
पेट्रोल के दाम 102 रू. प्रति लीटर हो गया। महंगाई से जनता बेहाल है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। रसोई गैस सिलेंडर यूपीए सरकार में 350 रू. के लगभग था तो उस समय स्मृति इरानी के साथ भाजपा नेत्रियां सड़क पर चूल्हे रखकर खाना बनाकर विरोध करती थी। वही सिलेंडर के दाम 1000 रू. पार हो जाने पर रेणुका सिंह, सरोज पांडेय क्यों है मौन? महंगाई को डायन बताने वाली भाजपा नेत्रियां कहां है? राजनीति की रोटी सेकने के लिये जनता से झूठ बोलकर मोदी ने सत्ता हासिल की। महंगाई कम करने के वादे करने वाले मोदी भाजपा बेलगाम महंगाई पर बोलती बंद हो गयी है। महंगाई इस कदर से बढ़ेगी तो मध्यमवर्गीय एवं गरीब जनता दो वक्त की रोटी के लिये भी तरस जायेंगे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि बढ़ती महंगाई पर वित्त मंत्री सहित भाजपा नेत्रियां क्यों मौन है? मोदी सरकार के द्वारा बढ़ाई रसोई गैस सिलेंडर के चलते महिलायें अब फिर धुंआदार चूल्हा से खाना बनाने में मजबूर। उज्जवला योजना से 90 प्रतिशत से अधिक 7 करोड़ से अधिक हितग्राही अपने सिलेंडर को रिफिलिंग नहीं करवा पा रहे है। महिलाओं की किचन में आग लगी हुयी है। घर की आय में कोई वृद्धि नहीं लेकिन खर्च तो दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। महंगाई सुरसा सूर की तरह मुंह खोले खड़ी रहती है। प्रतिदिन पेट्रोलियम पदार्थ के मूल्य में वृद्धि, गैस सिलेंडर के दाम में वृद्धि यहां तक की भी अब प्याज भी रूला रहा है। केंद्र सरकार के नीति के दुष्परिणाम के कारण महंगाई बेलगाम हो गयी है। इस बढ़ती महंगाई पर आम लोगों को राहत देना तो दूर महंगाई कम करने की कोई कोशिश करती हुयी भी नहीं दिख रहा है। ऐसा लगता है कि महंगाई कम व नियंत्रित करना अब नरेन्द्र मोदी के बस की बात नहीं रही। बेलगाम महंगाई से जनता त्रस्त है, मोदी जी महंगाई पर खामोश है लेकिन जनता जर्नादन आने वाले चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी।