अमित शाह से मिले पंजाब के सीएम चन्नी, लखीमपुर की घटना का जिक्र कर कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कहा
चन्नी शाम को गृह मंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। इस मीटिंग के बाद वह मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया, ‘आज मैंने गृह मंत्री से मुलाकात की। उनसे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा है। मैंने उनसे लखीमपुर खीरी घटना पर बात की है। पंजाब बॉर्डर को सील करने को कहा है ताकि पंजाब में हथियार और नशे की सामग्री न आ सकें।’
इसके पहले ही चन्नी ने मीटिंग के एजेंडे के बारे में साफ कर दिया था। उन्होंने बताया था कि वह गृह मंत्री से मुलाकात कर लखीमपुर खीरी का मसला उठाएंगे। चन्नी ने कहा था कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा ने उन्हें 1919 की जलियांवाला बाग घटना की याद दिला दी। सीएम ने राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के साथ चंडीगढ़ में गांधी स्मारक भवन परिसर में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में सोमवार को मूक प्रदर्शन भी किया था।
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल किसानों के शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद से रविवार को सबसे खूनी संघर्ष हुआ। इसमें आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए एक कार्यक्रम में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से वाहनों से कुचल दिया था। अन्य लोग भाजपा के कार्यकर्ता और उनके चालक थे, जिन्हें वाहन से खींच कर बाहर निकाला गया और पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी गई। इसके अलावा दो कारों को आग के हवाले कर दिया गया ।
चन्नी ने आरोप लगाया था कि किसानों की ‘हत्या’ जानबूझ कर की गई है। उन्होने कहा था कि वह शाम साढे़ छह बजे केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे और उनके समक्ष लखीमपुर खीरी की घटना को उठाएंगे।
केंद्र की भाजपा सरकार पर बरसते हुए चन्नी बोले थे कि उन्हें देश के युवाओं को दोबारा लोकतंत्र ‘बहाल’ करने के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और शहीद उधम सिंह जैसे शहीदों की ओर देखने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
चन्नी ने कहा था कि लखीमपुर खीरी की घटना ‘दुखद’ है और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाने की मांग की। पंजाब के सीएम ने आरोप लगाया था, ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर जिस तरीके से एसयूवी कार को पीछे से चढ़ाया गया और उनकी हत्या की गई, वह जानबूझ कर किया गया था ।’
उन्होंने इसके लिए उस वीडियो क्लिप का जिक्र किया जिसमें इस तरह की घटना दिख रही है।
उन्होंने कहा था, ‘लोगों की आवाज को पहचानना आवश्यक है । लोकतंत्र में सरकारों को लोगों की इच्छा के अनुसार काम करना चाहिए।’ उन्होंने कहा था, ‘आज किसान दुखी हैं और वो मर रहे हैं। इस पर विचार करते हुए इन (कृषि) कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए।’
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स