2016 से इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेंडिंग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अधिकारी हलफनामा दें अन्यथा होम सेक्रेटरी पेश होंगे
2016 से में पेंडिंग एक अपील के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि उसके संबंधित अधिकारी शीर्ष अदालत को हाई कोर्ट की कार्यवाही का टाइमलाइन के बारे में अवगत कराए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि होम डिपार्टमेंट के संबंधित अधिकारी इस बारे में हलफनामा दायर करें अन्यथा होम सेक्रेटरी को पेश होना होगा।
2016 का है मामलासुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने 2016 में हाई कोर्ट में अपील दायर करने वाले याचिकाकर्ता की अर्जी पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के अधिकारी से कहा है कि वह दो दिनों में इस मामले में हलफनामा दायर करें और बताएं कि उक्त क्रिमिनल अपील कितनी बार हाई कोर्ट के सामने लिस्ट हुई है। कितनी बार याचिकाकर्ता ने मामले में सुनवाई टालने की गुहार लगाई है और कितनी बार मामला सुनवाई के लिए आया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2018 में जमानत अर्जी खारिजयाचिकाकर्ता को हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है और इस मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट में 2016 में अपील की थी। वह जेल में बंद है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2018 में जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और उस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिलकर रखी है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कई बार मामले की सुनवाई टालने की गुहार लगाई थी।
हाई कोर्ट में पेंडिंग इस केस की टाइमलाइन तब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको जो कहना है आप रेकॉर्ड पर कहें। आपके बयान की जिम्मेदारी होती है अन्यथा हम कल को आपके बयान पर विश्वास नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों में हलफनामा दायर कर होम विभाग के संबंधित अधिकारी से कहा है कि वह बताए कि हाई कोर्ट में पेंडिंग इस केस की टाइमलाइन क्या है।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स