मां संग बहन के घर शिमला में हॉलीडे मनाने पहुंचे राहुल गांधी… विवादों में रहा है प्रियंका का यह ड्रीम हाउस
गांधी परिवार इन दिनों हिमाचल प्रदेश की वादियों में हॉलीडे मनाने पहुंचा हुआ है। प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 15 किलोमीटर दूर छराबड़ा में समतल जमीन से 8,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर प्रियंका गांधी वाड्रा का घर है। कुछ लोग इसे कॉटेज कहते हैं तो कुछ विला। जब यह घर बनना शुरू हुआ था तभी विवाद के घेरे में आ गया था। छुट्टियां मनाने के लिए यह गांधी परिवार के सबसे फेवरेट डेस्टिनेशन में है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की विदाई और चरणजीत सिंह चन्नी की ताजपोशी के साथ पंजाब के घमासान को खत्म करा परिवार एक साथ यहां जुटा है।
सोमवार को राहुल गांधी बहन के इस घर पहुंचे। राहुल से पहले उनकी मां और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी बेटी के घर पहुंचीं। प्रियंका ने वर्ष 2007 में वाइल्डफ्लावर हॉल के करीब चार बीघा जमीन खरीदकर इस विला को बनवाया था। यहां वह नियमित रूप से आती रहती हैं। फिलहाल वह अपने बच्चों, मां और भाई के साथ यहां छुट्टी मना रही हैं।
पहाड़ी स्टाइल में बनी है कोठी
यह विला हाई सिक्योरिटी वाले एरिया में राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास ‘द रिट्रीट’ के करीब ही बना है। प्रियंका की यह कोठी पहाड़ी स्टाइल में बनी है। प्रियंका को पहले इस विला का डिजाइन पसंद नहीं आया था, तब उन्होंने बने हुए स्ट्रक्चर का काफी बड़ा हिस्सा गिरवा दिया था। वह दिल्ली से इंटीरियर डिजाइनर लेकर यहां पहुंची थीं।
हिमाचल कांग्रेस के नेता केहर सिंह खाची के नाम पर जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी है। यह घर 2008 में बनना शुरू हुआ था। यह विला निर्माण की मंजूरी को लेकर शुरू से ही विवादों में रहा है। इसके लिए उन्हें हाई कोर्ट से नोटिस तक मिला था।
क्या है विवाद की जड़?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में बाहरी शख्स सरकार की इजाजत के बिना गैर-खेती लायक जमीन नहीं खरीद सकता है। 2007 में कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार ने नियमों में ढील देते हुए प्रियंका गांधी को शिमला से 12 किलोमीटर दूर छराबड़ा गांव में 4 बीघा 5 बिस्वा जमीन खरीदने की इजाजत दी थी।
बताया जाता है कि यह जमीन प्रियंका ने 47 लाख रुपये में खरीदी थी। इसके बाद शिमला के मशहूर हॉलिडे रिजॉर्ट ‘द रिट्रीट’ के पास स्थित इस जमीन पर प्रियंका ने अपना ड्रीम हाउस बनवाया। इसे तैयार होने में करीब 10 साल का वक्त लगा। 2019 में प्रियंका ने इसमें गृह प्रवेश किया था।
चन्नी बने पंजाब के नए कैप्टन
सोमवार को चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण की। शनिवार को कैप्टन अमरिंंदर सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में नए मुख्यमंत्री को बनाने की कवायद तेज हो गई। लंबी मंत्रणा के बाद राहुल गांधी और पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिंह सिद्धू की पसंद चन्नी के नाम पर आखिरकार मुहर लगी। वह राज्य के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री हैं। कैप्टन अमरिंदर की कुर्सी जाने की मुख्य वजह उनकी सिद्धू के साथ लंबे समय से चली आ रही तनातनी बनी।
फोटो और समाचार साभार : नवभारत टाइम्स