PMO में सेटिंग कराने के लिए डेढ़ करोड़ में सौदा, आईएएस पर जुर्म दर्ज
रायपुर। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की दिल्ली टीम ने आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने सीबीआई में चल रहे पुराने प्रकरणों को सेटल कराने के लिए हैदराबाद के एक दलाल के जरिए पीएमओ के अफसरों से डेढ़ करोड़ में डील की थी।
चार किस्तों में 60 लाख रुपए दिए जा चुके थे। पांचवीं किस्त में नकद राशि नहीं, दो किलो सोना देना था, तभी सीबीआई ने उन्हें धर दबोचा। सीबीआई ने रायपुर से 2 किलो सोना और दिल्ली से 20 लाख नकद जब्त किया है। सीबीआई ने आईएएस अग्रवाल के रायपुर के ठिकानों, हवाला ऑपरेटर के रायपुर, दिल्ली, नोएडा और हैदराबाद स्थित दफ्तरों में एकसाथ कार्रवाई की।
उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव आईएएस बीएल अग्रवाल के अलग-अलग ठिकानों पर रविवार को भी सीबीआई जांच जारी रही। शनिवार की शाम सीबीआई दिल्ली और भिलाई टीम ने उनके तीन ठिकानों पर छापा मारा था। बताया गया है कि सीबीआई में दर्ज भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में राहत पाने के लिए अग्रवाल ने हैदराबाद के दलाल सैयद बुरहानुद्दीन के मार्फत प्रधानमंत्री कार्यालय में डेढ़ करोड़ रुपए रिश्वत देने की डील की थी।
बुरहानुद्दीन से अग्रवाल का परिचय गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) उत्तर प्रदेश के भगवान सिंह ने कराया था। सीबीआई ने 18 फरवरी को आईएएस बीएल अग्रवाल, सैयद बुरहानुद्दीन, भगवान सिंह और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ भादवि की धारा 120 (बी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। सीबीआई की कार्रवाई 26 घंटे तक लगातार चलती रही। इस दौरान अग्रवाल ने कोई विरोध नहीं किया और अफसरों ने जहां कहा, वहां चुपचाप दस्तखत कर दिया। दूसरे दिन अग्रवाल के अलावा उनसे जुड़े अन्य लोगों से भी सीबीआई ने पूछताछ की।
साले के खिलाफ भी चल रही जांच
सूत्रों के मुताबिक जांच पूरी होने के बाद सीबीआई अग्रवाल के साले आनंद अग्रवाल और तीन अन्य पर भी जुर्म दर्ज किया जा सकता है। इसमें संजय तापड़िया, कांति पुगलिया और अमित शामिल हैं। इन तीनों से रविवार को सीबीआई ने पूछताछ की है। इनके सहयोग से ही रिश्वत की रकम दलाल तक पहुंचाने की बात सामने आ रही है।
लेन-देन में इन मोबाइल नंबरों का उपयोग
सीबीआई का दावा है कि रिश्वत की सौदेबाजी और लेन-देन की बातचीत के लिए आईएएस बीएल अग्रवाल ने 7869054102, 7389125825 व 9425210067 मोबाइल नंबर का उपयोग किया, जबकि दलाल भगवान सिंह ने 9953099186, 9999033286, सैय्यद बुरहानुद्दीन ने 7251990641, 8374649056, 9989311148, संजय तापड़िया ने 9303430307, कांति पुगलिया ने 9999821000, अमित ने 98212206132, 9821206131, 8586945596 व आनंद अग्रवाल ने 9827141702 मोबाइल नंबर का उपयोग किया।
तीन नाम से करता था बात
सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना के पीएच-2 फिल्म सिटी हैदराबाद निवासी सैय्यद बुरहानुद्दीन पिता इकबाल अहमद ने अपने तीन अन्य नाम भी बताए थे। बुरहानुद्दीन ने ओपी सिंह और ओपी शर्मा के नाम का उपयोग भी किया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में इन नामों का भी उल्लेख किया है।
किस तरह हुई डील और कब-कब किस तरह दी गई रिश्वत
1. 11 फरवरी 2017- नोएडा के भगवान सिंह ने हैदराबाद के सैय्यद बुरहानुद्दीन के साथ अग्रवाल की बैठक दिल्ली में कराई। यहां बुरहानुद्दीन ने पीएमओ में सेटिंग होने का विश्वास अग्रवाल को दिलाया और डेढ़ करोड़ रुपए में सेटेलमेंट की की डील हुई। रिश्वत की रकम किस्तों में देना तय हुआ।
2. 12 फरवरी 2017- आईएएस अग्रवाल के निर्देश पर संजय तापड़िया ने रिश्वत की पहली किस्त 15 लाख रुपए दलाल भगवान सिंह को हवाला कारोबारियों के जरिए उसके दिल्ली के ठिकाने पर पहुंचा। इसमें कांति पुगलिया एवं अमित की मदद ली गई।
3. 14 फरवरी 2017- आईएएस अग्रवाल ने रिश्वत की दूसरी किस्त 15 लाख रुपए फिर से दलाल भगवान सिंह के दिल्ली के ठिकाने पर पहुंचाई। इसमें भी संजय तापरिया सहित पुराने चैनेल का ही उपयोग किया गया। इसके बाद तीसरी किस्त जल्द देने की बात हुई।
4. 16 फरवरी 2017- पुराने चैनल से रिश्वत की तीसरी किस्त 10 लाख रुपए दलाल भगवान सिंह को दी गई। इसके अलावा कांति और अमित ने इसी दिन 20 लाख रुपए और भगवान सिंह को और दिए। हालांकि इस पर सीबीआई को संशय है। फिर आईएएस अग्रवाल ने कैश देने में असमर्थता जता दी।
5. 18 फरवरी 2017- पांचवीं किस्त के रूप में दो किलो सोना बीएल अग्रवाल के साले आनंद अग्रवाल के माध्यम से रायपुर की समता कालोनी के एक ठिकाने पर शाम को देना तय था। इसी दौरान सीबीआई ने छापामार कार्रवाई कर दी। यहां से सोना जब्त कर लिया गया।
आईएएस बीएल अग्रवाल और दो अन्य पर जुर्म दर्ज किया गया है। सीबीआई की जांच जारी है। किस्तों में रिश्वत के डेढ़ करोड़ रुपए देना तय हुआ था। जांच में अब तक दो किलो सोना जब्त किया गया है। जांच जारी है। -आरके गौर, प्रवक्ता, सीबीआई
(साभार : नई दुनिय )