रांची को एक साल में सोलर सिटी बनाना है
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी 30 लाख घरों में बिजली नहीं है. हमारी सरकार इसे मिशन के रूप में लिया है. हमने वर्ष 2019 तक राज्य के सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. जिन गांवों में ट्रांसफार्मर और ग्रिड नहीं है, वहां सोलर पावर प्लांट से बिजली पहुंचायी जायेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘उजाला योजना’ के तहत 84 लाख लोगों तक बिजली पहुंच चुकी है. उन्होंने ऊर्जा विभाग से नहरों के ऊपर और बंजर भूमि पर सोलर पावर प्लांट लगाने पर विचार करने को कहा है.
40 प्रतिशत कोयला देते है, पर खुद अंधरे में : मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश को 40 फीसदी कोयला देते हैं, लेकिन खुद अंधेरा में रहते हैं. यह गंभीर बात है कि आज भी राज्य के 10 हजार स्कूलों में बिजली नहीं पहुंची है. अंधेरे से मानसिक विकृति आती है. समाज को शिक्षित बनाना है तो स्कूलों तक बिजली पहुंचानी होगी. उन्होंने विभाग से स्कूलों में बिजली मुहैया कराने को कहा है.
अस्पताल दूसरा मंदिर, जिम्मेदारी समझें डॉक्टर : मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के बाद अस्पताल दूसरा मंदिर होते हैं. इसलिए डॉक्टर, नर्स और कर्मचारियों को जिम्मेदार बनना होगा. मैंने निदेशक को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अस्पताल में सिस्टम बनाया जाये.
अस्पताल में अनुशासन हो, जिसका पालन हर हाल में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री किचेन खोला जायेगा. यह पूरी तरह से हाइजीनिक होगा, जिसमें चिकित्सक और कर्मचारी बेझिझक भोजन कर सकें.
मंत्रियों और विधायक ने भी रखे अपने विचार : समारोह के दौरान नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि सरकार सोलर पावर के जरिये लोगों को बिजली मुहैया कराने का प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगने से रिम्स को काफी सहूलिय होगी. कांके विधायक जीतूचरण राम ने कहा कि सोरल पावर प्लांट से प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी. धन्यवाद ज्ञापन रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल ने किया.
37 लाख रुपये सालाना की बचत होगी रिम्स को िबजली मद में
ऊर्जा सचिव आरके श्रीवास्तव ने बताया कि रिम्स में लगे 400 किलोवाट के ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप पावर प्लांट से रिम्स को काफी फायदा होगा. इससे रिम्स को हर साल बिजली मद में करीब 37 लाख रुपये की बचत हाेगी. साथ ही 10.5 मिलियन लीटर तेल भी बचेगा.
जबकि 44,200 पौधारोपण के बराबर लाभ मिलेगा अौर कार्बन उर्त्सजन में कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 तक हम 24 घंटे बिजली मुहैया कराने की स्थिति में होंगे. टीबीएनएल पावर प्लांट में 1200 मेगावाट का प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है. राज्य में 9000 करोड़ के निवेश की आवश्यकता है, जिसमें 4000 करोड़ के निवेश की निविदा निकाली जा चुकी है. लाइन मैनों की कमी को दूर करने के लिए आउटसोर्सिंग की जायेगी.
सोलर पावर प्लांट लगा कर आप भी बन सकते हैं बिजली उत्पादक
जरेडा निदेशक निरंजन कुमार ने बताया कि रांची के 13 भवनों में सोलर रूफटॉप पावर प्लांट का उदघाटन हुआ है. नयी योजना है कि निजी भवनों की छत पर सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगाकर लोगों को बिजली मुहैया करायी जाये. आम लोग भी अपने घर की छत पर सोलर पैनल बिछा कर बिजली का उत्पादन कर सकते हैं. प्लांट ग्रिड में जो बिजली आपके उपयोग से बचेगी, वह ग्रिड में चली जायेगी. ग्रिड में एक मीटर लगा होगा. जितनी बिजली आप ग्रिड में भेजेंगे, उसका पैसा आपको मिलेगा. वहीं हाइग्रिड में इनवर्टर और बैटरी चार्ज होने के बाद जो अतिरिक्त बिजली होगी, वह ग्रिड में चली जायेगी. आपको सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए 50 फीसदी का अनुदान सरकार देगी.
वर्ष 2030 तक 2650 मेगावट उत्पादन लक्ष्य
राहुल पुरवार ने कहा कि आज सबसे बड़े प्लांट का उदघाटन हो रहा है. देश में एक लाख मेगावट बिजली की जरूरत है. वहीं, राज्य में वर्ष 2030 तक 2650 मेगावाट का लक्ष्य रखा गया है. एलएटी ट्यूब व पंखा का वितरण किया जा रहा है. प्रति ट्यूब लाइट की कीमत 230 रुपये और पंखे की कीमत 1,150 रुपये है. इससे बिजली की बचत होगी. तीन साल की वारंटी भी दी जायेगी. उजाला योजना से राज्य के करीब 5.5 लाख से ज्यादा उपभोक्ता को लाभ मिलेगा.