तालाबों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व: डॉ. रमन सिंह

तालाबों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व: डॉ. रमन सिंह
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां नया रायपुर स्थित राज्य योजना भवन में विश्व जलीय भूमि दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में कहा – छत्तीसगढ़ में तालाबों की बहुत बड़ी श्रंृखला है, जिनका ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। उन्होंने तालाबों के संरक्षण और संवर्धन के लिए नई कार्य योजना बनाने की जरूरत पर बल दिया और इसके लिए पंचायत और ग्रामीण विकास तथा वन विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में कहा-तालाब लोगों के जीवन यापन एवं आजीविका के साधन के रूप में भी काफी उपयोगी होते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में जलीय भूमि स्थानों में रतनपुर दलपत सागर, धमतरी के अलावा अन्य जिलों में तालाबों की संख्या बहुत अधिक है। डॉ. सिंह ने कहा कि तालाबों को विकसित करने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा वन विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की जाए, जिससे यहां के लोगों को मछली पालन, फल-फूलों की खेती और पक्षियों के लिए उपयोगी होने के साथ ही वातावरण को संतुलित बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यशाला में वैज्ञानिकों के विचार-विमर्श से निश्चित ही यहां के तालाबों के विकास को विकसित करने में मदद मिलेगी। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तालाबों की बहुत बड़ी संख्या है और जिनकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्ता है। उन्होंने कहा कि रतनपुर के तालाबों का निर्माण लगभग 700-800 वर्ष पूर्व होने का उल्लेख मिलता है और उन तालाबों को वहां के लोगों ने परम्परागत रूप में उसका उपयोग करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे तालाबों को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे वहां के लोगों का जीवन यापन और आजीविका के साधन के रूप में विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शिवनाथ एवं पैरी नदियों पर बड़ी संख्या में एनीकटों का निर्माण करवाया हैं, जिससे जल स्तर में वृद्धि के साथ ही वहां के आस-पास के किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी पर्याप्त उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जलीय भूमि के संबंध में लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कार्यशाला में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुनिल कुमार, आयोग के अशासकीय सदस्य डॉ. डी.के. मरोठिया सहित जयपुर के श्री बृजगोपाल, भोपाल के डॉ. अश्वनी बांगनु , कोलकाता के डॉ. एम.ए. हसन ,मुम्बई के डॉ. ए.आर. रहमानी, दिल्ली के डॉ. जे.के. गर्ग और सुश्री अर्चना चटर्जी सहित अनेक विषय विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।  छत्तीसगढ़ सरकार के सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास श्री पी.सी. मिश्रा, कृषि विभाग के संचालक श्री एम.एस. केरकेट्टा तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर.के सिंह और अन्य विभागों तथा संस्थाओं के विषय विशेषज्ञों ने भी कार्यशाला में हिस्सा लिया।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.