समाज के खिलाफ जा कर कोई भी सरकार नहीं चल सकती : भागवत

समाज के खिलाफ जा कर कोई भी सरकार नहीं चल सकती : भागवत
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जमशेदपुर : देश के लोग मिलकर देश चलाते हैं. केवल सरकार देश नहीं चलाती और प्रजातंत्र में सरकार तो ऐसे ही चलती है, जैसे समाज चलना चाहता है. समाज जैसे चलना चाहता है, उसके खिलाफ चल कर सरकार नहीं चल सकती है. यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघ चालक (प्रमुख) मोहन भागवत ने कही. वे गणतंत्र दिवस पर जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गुजराती सनातन समाज में आयोजित समारोह में झंडाेत्तोलन के बाद वहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
इस कार्यक्रम में जमशेदपुर के चुनिंदा कॉलेज के छात्रों ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर महानगर संघ चालक वी नटराजन मौजूद थे. इससे पहले मोहन भागवत ने राष्ट्रगान के साथ झंडोत्तोलन किया और लोगों को संबोधित किया. उन्होंने  कहा कि एक गणराज्य के नाते भारत अपने कर्तव्य का निर्वहन करेगा ही. इसका मतलब है कि गणराज्य के लिए जो पात्रता होनी चाहिए, उस पात्रता को लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने वाला समाज बने, इसलिए हमें सोचना है. स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अनेक वीरों ने अपना बलिदान दिया और प्राणों का अर्पण किया. अब हर दिन बलिदान की आवश्यकता नहीं है.
पर जिनके पुण्य के कारण हम स्वतंत्र हुए, उनके बलिदान की सार्थकता सिद्ध हो, हमें ऐसा जीवन जीना चाहिए. ऐसा जीवन जब कोई समाज देश के लिए जीता है, तो उसका स्वाभाविक परिणाम देश में समृद्धि के रूप में आता है. धर्म का मतलब पूजा नहीं होता है, धर्म का मतलब सारे जीवन की धारणा होती है, जो संपूर्ण सृष्टि को जोड़े रखता है और बिखरने नहीं देता है.
आज के दिन हम फिर एक बार पीछे मुड़कर अपने जीवन का निरीक्षण करें और सोचें कि अपने जीवन में इस दृष्टि से क्या उपयोगिता है. आज के संदेश के आधार पर अपने जीवन को देश के लिए बेहतर बनाने का प्रयास शुरू कर दें.
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