किसान आंदोलन: धरती का जो बेटा है वो हरबार जमीन पर क्यों है लेटा
पर एक हकीकत ये भी है कि धरती का बेटा कहे जाने वाला किसान हर बार सत्ताधीशों से ठगा गया है। काल चाहे जो हो, उन्हें हर बार सत्ता के खिलाफ झंडा बुलंद करना पड़ा है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के गुस्से से कई राज्य की सरकारें भी हिली हुई हैं। धरती से सोना उगाने वाले किसान इसबार आर-पार के मूड में है। विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों की कुछ तस्वीरें मर्माहत करने वाली हैं। हालांकि, किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार भी ऐक्टिव हो चुकी है लेकिन फिलहाल धरती का बेटा जमीन पर लेटा हुआ है।
कृषि कानून (Krishi Kanoon) के खिलाफ किसान आंदोलन ने सरकार की नींद उड़ा दी है। दिल्ली के दरवाजे पर खड़े किसान सरकार की शर्तों को मानने को तैयार नहीं है और दिल्ली घेरने की मुनादी कर दी है। देश में किसान आंदोलन का इतिहास बहुत पुराना रहा है। इसबार के आंदोलन ने भी दिल्ली की तख्त को हिलाया है। नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के मंत्री किसानों को मान समझाने के लिए ट्वीट कर रहे हैं तो गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी किसानों से बात करने की बात कर रहे हैं।
पर एक हकीकत ये भी है कि धरती का बेटा कहे जाने वाला किसान हर बार सत्ताधीशों से ठगा गया है। काल चाहे जो हो, उन्हें हर बार सत्ता के खिलाफ झंडा बुलंद करना पड़ा है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के गुस्से से कई राज्य की सरकारें भी हिली हुई हैं। धरती से सोना उगाने वाले किसान इसबार आर-पार के मूड में है। विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों की कुछ तस्वीरें मर्माहत करने वाली हैं। हालांकि, किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार भी ऐक्टिव हो चुकी है लेकिन फिलहाल धरती का बेटा जमीन पर लेटा हुआ है।
ऐ सरकार! सुन लो पुकार
किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक दे चुके हैं। वे अपनी मांगों को लेकर सरकार से साफ-साफ आश्वासन चाहते हैं। आंदोलन के बीच ट्रक में सुस्ताता एक आंदोलनकारी।
जबतक जीतेंगे नहीं, तबतक छोड़ेंगे नहीं
आंदोलनकारी किसान सरकार की किसी भी शर्त को स्वीकार करने के मूड में नहीं है। किसान नेता सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि वो तबतक नहीं छोड़ेंगे जबतक उन्हें जीत नहीं मिलेगी।
आंदोलन के साथ खाने की भी तैयारी
आंदोलनकारी किसान पूरी तैयारी के साथ दिल्ली सीमा पर पहुंचे हैं। उनके पास खाने-पीने की चीजें हैं और सड़क पर चूल्हा जलाकर खाना बना रहे हैं। किसानों का कहना है कि वो तबतक यही रहेंगे जबतक सरकार उनकी मांग नहीं मान लेगी।
ट्रक के सिरहाने में अपना आशियाना
भारी संख्या में कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों ने अपने सोने का इंतजाम भी कर लिया है। उनके सोने का सिरहाना ट्रक है और धरती मां की गोद में वो इत्मीनान से सो रहे हैं।
रास्ता है लंबा, थोड़ा सुस्ता लें
केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए कुछ शर्त रखी थी लेकिन किसान सरकार की शर्तों को मानने से साफ इनकार कर दिया। सड़क किनारे ट्रक को सिरहाना बना सुस्ताते किसान।
उफ्फ! अन्नदाता पर ये जुर्म
प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिसिया डंडे भी चले। इस तस्वीर में पुलिस के तीन जवान एक आंदोलनकारी किसान पर लाठी बरसाते दिख रहे हैं और अन्नदाता उनसे रहम की भीख मांग रहा है।
उम्र पर मत जाओ, जीतकर रहेंगे
किसान आंदोलन में युवा से बुजुर्ग तक शामिल हैं। इस तस्वीर में एक उम्रदराज बुजुर्ग सरकार के कृषि कानून के खिलाफ अपना गुस्सा दिखाते हुए दिख रहे हैं, मानो कह रहे हों, मेरी उम्र पर मत जाओ, जीतना हमें आता है।
हैं तैयार हम
छोटे-छोटे जत्थे में दिल्ली कूच करते हुए किसान पूरे जोश में हैं। वो सरकार से अपनी मांगे मनवाएं बिना टस से मस नहीं होने वाले हैं। बता दें कि सरकार ने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव दिया है।
साभार : नवभारत टाइम्स