बस्तर के अनाजों को कुकीज के रूप में मिली एक नई पहचान

बस्तर के अनाजों को कुकीज के रूप में मिली एक नई पहचान
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रायपुर: बस्तर के कोदों, कुटकी, रागी, महुआ, काजू, इमली आदि से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा स्वादिष्ट और स्वास्थवर्धक खाद्य सामाग्री बनायी जा रही है। बस्तर के अनाजों से निर्मित इन उत्पादों को जहां कुकीज के रूप एक नई पहचान मिली है, वहीं इन उत्पादों को बाजार में भी भारी डिमांड है। दरअसल बात यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के किसानों उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के साथ-साथ बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए ब्रांडिग नेम के रूप में भी तैयार करने की पहल कर रही हैं। इससे किसानों और नवाचारों को काफी लाभ भी हुआ है। इसी कड़ी में बस्तर जिले के जगदलपुर जिला मुख्यालय के समीप स्थित कुदाल गांव की जय मां काली स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित आमचो बस्तर बेकरी में रागी, कोदो, कुटकी, महुआ, काजू, इमली आदि से कुकीज और अन्य उत्पादों का निर्माण महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है।

आमचो बस्तर बेकरी के नाम से प्रसिद्ध इस कुकीज तथा अन्य उत्पादों की खासियत यह है कि महिलाओं के द्वारा बाजार में उपलब्ध कुकीज से हटकर बस्तर के रागी, कोदो, कुटकी, महुआ, काजू, इमली आदि से कुकीज का भी निर्माण किया जा रहा है, जो कि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थवर्धक एवं पोषक तत्वों से भरपूर है।

बस्तर के यह उत्पाद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकि रागी, कोदो, कुटकी, काजू और महुआ में पोषक तत्वों की प्रचूरता होती है, जो शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करते है। ये पोषक तत्व रक्तचाप, खून की कमी, लिवर से संबंधित बीमारियों, मोटापे, हृदय, स्नायु तंत्र, त्वचा, बालों, आंखों, पेट के रोगों के लिए भी लाभदायक है। इसके अलावा कोरोना महामारी के लिए भी यह उत्पाद काफी फायदेमंद है। यह उत्पाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करते है।

समूह की महिलाओं द्वारा कोकोनट, चॉकलेट, जीरा, मिल्क, शुगर फ्री, नमकीन, हनी आदि अन्य कुकीज भी बनाया जा रहा है। आमचो बस्तर बेकरी में अनेक तरह के खाखरा, केक, महुआ और इमली चॉकलेट का भी बाजार में अच्छी मांग है। इससे समूह की महिलाओं को जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल रहा हैं वहीं आत्म सम्मान के साथ जीने का अवसर भी मिला है। यह सब राज्य सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत ग्रामीण महिलाओं को स्थानीय और पारम्परिक व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्तिकरण बनाए जाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से साकार हो पाया है। समूह द्वारा और भी अधिक ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए यह विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि आमचो बस्तर बेकरी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कच्चा माल कोदो, कुटकी, रागी, रेड राइस, इमली, महुआ आदि स्थानीय समूहों और बाजार से क्रय किया जाए जिससे अन्य ग्रामीणों को भी इसका लाभ मिल सके। आमचो बस्तर बेकरी द्वारा वर्तमान में 10 प्रकार के कुकीज को लॉन्च किया गया है। कुदाल गांव, बस्तर की जय माँ काली महिला स्व-सहायता समूह को फूड प्रोसेसिंग एवं बेकरी तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें कुकीज के अलावा अन्य उत्पाद जैसे- खाकरा, केक, चॉकलेट तैयार कर और अधिक आमदनी कर सके।

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