RAW चीफ से अकेले में मिले नेपाली PM ओली, क्या चीन-पाकिस्तान पर हुई बात?
नेपाल में चीन और पाकिस्तान की बढ़ती दखलअंदाजी के बीच आज भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख ने काठमांडू का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नेपाली प्रधानमंत्री के से भी बंद कमरे में बातचीत की। इस बातचीत का कोई भी विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है। नेपाल सरकार की तरफ से केवल इतना बताया गया कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी।
नेपाल सरकार ने बताया औपचारिक मुलाकात
नेपाली प्रधानमंत्री ओली के साथ बैठक की पुष्टि करते हुए प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने कहा कि बुधवार शाम को रॉ चीफ गोयल ने गुरुवार शाम को पीएम ओली से मुलाकात की है। थापा ने इस बैठक का विवरण देने से इनकार कर दिया। नेपाली विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बैठक के दौरान उनके मंत्रालय से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था।
अकेले में रॉ चीफ से मिले पीएम ओली
वहीं, नेपाल के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि बैठक के दौरान पीएम ओली अकेले थे जबकि रॉ चीफ गोयल के साथ दो अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, ओली-गोयल की बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के ठीक बाद हुई, जो बुधवार रात लगभग 9:30 बजे समाप्त हुई थी। नेपाल की तरफ से भी आधिकारिक तौर पर भारतीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख के दौरे को लेकर कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
महत्वपूर्ण है रॉ चीफ का काठमांडू दौरा
नेपाली मीडिया की खबरों में कहा गया है कि अगले महीने इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे का नेपाल दौरा भी प्रस्तावित है। ऐसे में रॉ चीफ का यह दौरा काफी मायने रखता है। नेपाल, चीनी कैंप में इतना गहरे न धंस जाए कि फिर उसका भारत की तरफ रुख मोड़ना असंभव सा होने लगे, इसके लिए जनरल नरवणे के दौरे से काफी उम्मीदें लगाई जा रही हैं। भारत और नेपाल के बीच पुराना सैन्य संबंध है। नेपाल ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को अपने नक्शे में शामिल कर लिया। तब से दोनों देशों के संबंधों में थोड़ी दूरी जरूर महसूस की जा रही है।
ओली ने भारत विरोधी रक्षामंत्री को हटाया
पीएम ओली ने भारतीय थलसेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे के नेपाल दौरे से पहले भारत विरोधी अपने रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल को पद से हटा दिया। उन्होंने यह विभाग अपने पास ही रखा है। ईश्वर पोखरेल को भारत विरोधी माना जाता है। वे कई बार भारतीय सेना के प्रमुख जनरल नरवणे की आलोचना भी कर चुके हैं। माना जा रहा है कि ओली ने ईश्वर पोखरेल से रक्षा मामलों की जिम्मेदारी वापस लेकर भारत को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है।
नेपाल की है यह शिकायत
नेपाल की शिकायत है कि भारत ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विदेश सचिव स्तर की बातचीत का तंत्र बहाल करने की उसकी सालों पुरानी मांग को तवज्जो नहीं दे रहा है। भारत का मानना है कि सीमा विवाद पर बातचीत के लिए नेपाल को अपने यहां का वातावरण और सुधारणा होगा। भारत लगातार कह रहा है कि नेपाल ने भारतीय इलाकों को नए नक्शे में शामिल कर उस समझौते का उल्लंघन किया है जो सीमा विवाद को आपसी बातचीत के जरिए समाधान का मार्ग प्रशस्त करता है।