हर्बल साबुन बना महिलाओं के आजीविका का साधन
रायपुर :राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ”बिहान” के अंतर्गत विभिन्न जिलोें में महिलाएं आजीविका प्राप्त कर रही हैै। इसी तरह राज्य के कोरिया जिले प्राकृतिक संसाधनों जैसे हल्दी, चन्दन, एलोवेरा, गुलाब आदि का उपयोग कर हर्बल ब्यूटी सोप बनायेे जा रहे हैं। इससे ग्रामीण महिलाओं को आजीविका की नई राह मिली है।
कोविड-19 से उत्पन्न इस महामारी के समय में ग्रामीण महिलाओं के सामने आजीविका का संकट था। आजीविका की समस्या के समाधान हेतु जिले में एनआरएलएम “बिहान” द्वारा महिलाओं का समूह बनाया गया। इन समूहों को एनआरएलएम “बिहान” एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से उचित मानदण्ड के अनुरुप हर्बल ब्यूटी सोप बनाने का प्रशिक्षण दिलवाया गया। हर्बल ब्यूटी सोप निर्माण से बाजार में आम लोगों को हानिकारक केमिकल से मुक्त साबुन उपलब्ध हो रहे हैं। इस कारण साबुन की खरीदी में लोगों का खासा रूझान देखा जा रहा है।
वर्तमान में बैकुण्ठपुर विकासखण्ड के ग्राम सलका में गणेश स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा घर पर ही स्वच्छता मापदण्डों का पालन करते हुए हैण्डमेड 16 प्रकार का साबुन बनाया जा रहा है। साबुन बनाने की ज्यादातर सामग्री ग्रामीण स्तर पर ही उपलब्ध हो जा रही है। जिससे लोकल उत्पादनकर्ताओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। साबुन की गुणवत्ता और विशेषता को देखते हुए ही ग्राम स्तर के ही अन्य संगठनों की महिलाओं द्वारा अब तक 10,000 रूपए की राशि का ऑर्डर प्राप्त हो चुका है। साबुन निर्माण आजीविका गतिविधि में संलग्न महिलाओं की आर्थिक उन्नति तो हो ही रही है, साथ ही साथ समाज में सम्मान से जीने का विश्वास भी बढ़ा रहा है।