किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में फसल बेचने की आजादी देने से भाजपा क्यो घबरा रही है?
रायपुर। भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत को कृषि बिल पर बयानबाजी करने से पहले मोदी सरकार के तीन काले कानून किसान विरोधी कृषि बिल को ठीक से पढ़ लेना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत बताएं नए कृषि बिल के किस पेज के किस कॉलम में किसानों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य या उससे अधिक कीमत पर ही खरीदने की अनिवार्यता का उल्लेख किया गया है? और किसानों के फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदने वाले पूँजीपति पैन कार्ड धारी पर क्या कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है? स्पष्ट कर दें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित में एक राष्ट्र एक बाजार और एक कीमत की मांग की है। उस मांग का समर्थन करने में भाजपा नेताओं के मुंह में दही क्यों जम गये? भाजपा क्यों नहीं चाहती कि किसानों को एक राष्ट्र एक बाजार के साथ एक दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य में फसल बेचने की आजादी मिले? भाजपा किसानों की फसल बेचने की आजादी का नारा तो लगाती है लेकिन किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य अनिवार्य रूप से मिले इसकी आजादी देना नही चाहती।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन शासनकाल में किसानों के साथ धोखाधड़ी, छल, फरेब हुआ था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों का कर्ज माफी किया, धान की कीमत 2500 रू. दिया, तब भाजपा नेताओं को पीड़ा होने लगी और किसानों के धान की एकमुश्त 2500 रू. दाम देने पर मोदी सरकार के द्वारा नियम शर्ते लगाया गया?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा की सरकार वन नेशन वन टैक्स जीएसटी और नोटबंदी लागू कर जिस प्रकार से देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, व्यापार, व्यवसाय को तबाह कर दिया है। घर-घर में नकदी की किल्लत हो गई है। अब उसी प्रकार वन नेशन वन मार्केट का नारा लगाकर कृषि क्षेत्र को बर्बाद करने में तुली हुई है। किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने में तुली हुई है और कांग्रेस पार्टी विरोध ना करे। भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत रमन सरकार में मंत्री थे और रमन सरकार ने वादानुसार किसानों को धान की कीमत 2100 रू. प्रति क्विंटल और 300 रू. बोनस नही दिया, दो साल का बोनस भी नही दिया है। रमन सरकार में किसानों के साथ हुई धोखेबाजी के लिए राजेश मूणत भी जिम्मेदार हैं।