मुलायम के प्रति निष्ठा ही मेरा अपराध : अमर सिंह
अमर सिंह के रविवार दोपहर अचानक संतमत अनुयायी आश्रम मठ गड़वाघाट में आयोजित मलिकार बाबा की स्मृति सभा में पहुंचने की सूचना ने हर एक को चौंका दिया। दरअसल, वह यहां पिछली बार गुरु पूर्णिमा पर सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव के साथ आए थे। दर्शन-पूजन के बाद मठ में और एयरपोर्ट पर भी वह मीडिया से मुखातिब हुए तो बातों में खीझ, गुस्सा और तल्खी खूब झलकी, हाल के घटनाक्रम से उनके भीतर चल रहा द्वंद्व भी छलका। उन्होंने कहा कि सब कुछ जानते हुए भी मैं हारी हुई लड़ाई लड़ रहा था लेकिन कई लड़ाइया हारने के लिए ही लड़ी जाती हैं। मैं गद्दारों की सूची में अपना नाम नहीं लिखाना चाहता था इसलिए अंतिम समय तक मुलायम सिंह के समर्थन में रहा। अब सपा की किसी भी गतिविधि पर बोलने का उन्हें अधिकार नहीं। निष्कासित होने पर बहुत प्रसन्न हूं। छुट्टा साड़ हूं मैं, जहां हरा देखूंगा वहा मुंह मारुंगा।
अमर सिंह ने कहा कि वह मुलायमवादी जरूर रहे लेकिन अखिलेश यादव के शत्रु नहीं। उनके लिए कभी अपशब्द नहीं कहे, उनके प्रभुत्व से दुखी भी नहीं। सीएम अखिलेश के बारे में वह कुछ नहीं बोलेंगे पर उन्हें मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश की आज भी परवाह है। उन्हें बेटा बोलता हूं और आगे भी बोलता रहूंगा। यह स्पष्ट किया कि वह ऐसा इसलिए नहीं बोल रहे कि उनका निष्कासन रद हो जाए। उन्हें इसकी इच्छा और प्रतीक्षा भी नहीं।अमर सिंह ने रामगोपाल यादव को निशाने पर लिया। कहा उन्हें यूपी में आने और सुरक्षित लौट जाने की चुनौती दी गई। आज वह यादवों की पीठ माने जाने वाले आश्रम में आए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया कि उन्हें इतनी सुरक्षा दी गई। कहा अभी मैं संयत होकर बोल रहा, जब बोलूंगा तब लोग कहेंगे कि बोलता है, हमारे बोलने-करने का इंतजार कीजिए।
अमर सिंह ने कहा कि मीडिया मेरे पीछे पड़ गई है। मैं रेस्त्रां में खाना खाऊं या इलाज कराऊं, पीछे खड़ी रहती है। अमर सिंह को पनौती ठहराते हुए सभी बुरे कार्यो के लिए जिम्मेदार तक ठहरा दिया।