संसद ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया
नई दिल्ली : अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से बाहर करने वाले प्रावधानों के साथ आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 आज राज्यसभा में पारित कर दिया गया। इससे पहले, बिल को उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, श्री दानवे रावसाहेब दादाराव द्वारा 14 सितम्बर, 2020 को लोकसभा में पेश किया गया था, 5 जून 2020 को घोषित किए गए अध्यादेशों के स्थान पर। यह विधेयक लोकसभा द्वारा 15 सितंबर, 2020 को पारित किया गया था।
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 का उद्देश्य निजी निवेशकों के व्यावसायिक कार्यों में अत्यधिक विनियामक हस्तक्षेप वाली उनकी आशंकाओं को दूर करना है। उत्पादन, संचालन, स्थानांतरण, वितरण और आपूर्ति की स्वतंत्रता से अर्थव्यवस्थाओं कोबड़े पैमाने तक पहुंचाने में मदद मिलेगी और इससे निजी क्षेत्र/कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित होगा। यह कोल्ड स्टोरेज में निवेश और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकीकरण में सहायता करेगा।
सरकार ने विनियामक वातावरण को उदार बनाते हुए यह भी सुनिश्चित किया है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए। संशोधन में यह व्यवस्था की गई है कि युद्ध, अकाल, असाधारण मूल्य वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ऐसे कृषि खाद्य पदार्थों को विनियमित किया जा सकता है। हालांकि, एक मूल्य श्रृंखला भागीदार की स्थापित क्षमता और निर्यातक की निर्यात मांग को ऐसे स्टॉक सीमा लागू करने से छूट प्रदान की जाएगी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि में निवेश हतोत्साहित न हो।
आज राज्यसभा में पारित होने से पहले विधेयक पर हुए चर्चा के जवाब में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, श्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने कहा कि भंडारण सुविधाओं मे कमी के कारण कृषि उपज की बर्बादी को रोकने के लिए यह संशोधन बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से न केवल किसानों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए भी सकारात्मक माहौल का निर्माण होगा और यह निश्चित रूप से हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से कृषि क्षेत्र की समग्र आपूर्ति श्रृंखला तंत्र को मजबूती मिलेगी। इस संशोधन के माध्यम से इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देकर किसान की आय दोगुनी करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के सरकार के वचन को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि:
यद्यपि भारत में अधिकांश कृषि-वस्तुएं आवश्यकता से अधिक हो चुकी है, लेकिन किसानों को कोल्ड स्टोरेज, गोदामों, प्रसंस्करण और निर्यात में निवेश की कमी के कारण अच्छा मूल्य प्राप्त नहीं हो पा रहा हैं क्योंकि आवश्यक वस्तु अधिनियम के कारण उद्यमशीलता की भावना में कमी आ जाती है। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है जबकि पैदावार बहुत अच्छी होती है, विशेष रूप से खराब होने वाली वस्तुओं के मामले में। इस कानून से कोल्ड स्टोरेज में निवेश को बढ़ावा देने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी। यह मूल्य स्थिरता लेकर आएगा जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा। इससे प्रतिस्पर्धी बाजार का माहौल तैयार होगा और भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण होने वाली कृषि उत्पादों की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा।