जासूसी के आरोपी पत्रकार के बचाव में आया ग्लोबल टाइम्स, कहा, 'भारतीयों के लेख आम'
हाल ही में भारतीय पुलिस ने फ्रीलांस पत्रकार को जासूसी करने और संवेदनशील जानकारी चीन की इंटेलिजेंस एजेंसियों को देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ सीक्रेसी ऐक्ट का चार्ज लगाया गया है। शर्मा ने चीन के प्रॉपगैंडा अखबार में लेख भी लिखा था जिसमें उन्होंने लद्दाख तनाव पर भारत से उलट बातें लिखी थीं। अब ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने संपादकीय में अखबार के साथ शर्मा का नाम ऐसे जोड़े जाने पर आपत्ति जताई है।
‘ग्लोबल टाइम्स से नकारात्मक संबंध बताए’
ग्लोबल टाइम्स में लिखे संपादकीय में शिजिन ने कहा है कि यह जानकारी जारी किए जाने और भारतीय मीडिया के कवरेज में शर्मा के उस आर्टिकल की बात हो रही है, जो उन्होंने ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखा था। इसके जरिए ग्लोबल टाइम्स के खिलाफ नकारात्मक संबंध साबित करने की कोशिश की गई है। हू शिजिन ने लिखा है, ‘मुझे नहीं पता कि क्या भारतीय पक्ष भारत और चीन के बीच तनाव के कारण यह अन्यायपूर्ण केस बना रहा है।’ शिजिन ने कहा कि भारत यह आरोप लगा रहा है कि ग्लोबल टाइम्स में आर्टिकल लिखकर शर्मा खुफिया एजेंसियों की नजरों में आए।
ग्लोबल टाइम्स के लिए लिखते आए हैं भारतीय
शिजिन ने कहा है कि भारत के बुद्धिजीवी अंग्रेजी में लिख पाते हैं और 10 साल पहले ग्लोबल टाइम्स के अंग्रेजी एडिशन के आने के बाद से भारतीयों के लिए ग्लोबल टाइम्स के लिए पेइचिंग में कॉपी एडिटर के तौर पर या फ्रीलांस काम करना या लिखना आम हो गया है। शिजिन ने कहा है कि यह भारतीय पक्ष के लिए अनुचित है ग्लोबल टाइम्स को इस केस के साथ सार्वजनिक तौर पर जोड़ा जा रहा है और सनसनी फैलाई जा रही है। उन्होंने यह भी लिखा है कि भारतीय सरकार भी चीनी मीडिया का सम्मान करने में विफल रही है।
शिजिन ने अपने लेख में क्या कहा था?
लद्दाख में सीमा तनाव पर चीन के साथ भारत को भी रेडलाइन नहीं पार करने की सलाह दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि यह कहना मुश्किल है कि दोनो देशों में से गलती किसकी है जबकि भारत ने यह साफ किया है कि उसने चीन की सीमा में कदम नहीं रखा, चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी। शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंधराष्ट्रवाद के आधार पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया था। उन्होंने कहा था कि मोदी के पास यह सबसे बड़ा हथियार है।