लद्दाख बॉर्डर पर पंजाबी गाने क्यों बजा रहा चीन? सामने आई असली वजह
लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव अभी कम होता नजर नहीं आ रहा है। दोनों ही तरफ की सेना आने वाली सर्दियों के लिए जरूरी संसाधनों को जुटा रही हैं। इस बीच चीन बॉर्डर से लगे इलाकों में बड़ी संख्या में लाउडस्पीकर्स के जरिए पंजाबी गानों को बजा रहा है। दरअसल चीन की यह चाल उसकी हजारों साल पुरानी एक युद्धक रणनीति का हिस्सा हैं। इसके जरिए वे भारत की भाषा और संस्कृति की समझ दिखाने की कोशिश कर रहा है।
गाइक्सिया की लड़ाई में हुआ था इसका उपयोग
हाल में ही चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक खबर में बताया गया था कि 202 बीसी में हुए गाइक्सिया की निर्णायक लड़ाई () में एक पक्ष ने दूसरे से जुड़े गानों को बजाना शुरू किया था। इससे विरोधी पक्ष के सैनिक यह मानने पर मजबूर हो गए कि इन्हें हमारी संस्कृति और भाषा की अच्छी समझ है और ये हमारे दुश्मन नहीं है।
इसी युद्ध से चीन में हुई हान राजवंश की स्थापना
गाइक्सिया की लड़ाई लियू बैंग और जियांग यू की चू सेना के बीच लड़ी गई थी। इसी युद्ध में मिली जीत के बाद लियू बैंग ने खुद को चीन का सम्राट घोषित किया और हान राजवंश की स्थापना की थी। जियांग यू के साथ हुए युद्ध में लियू बैंग ने गीत को अपना प्रमुख हथियार बनाया था। उसने जियांग यू के कुछ सैनिकों को पकड़कर चारों तरफ से चू गीत को गाने का आदेश दिया। इससे जियांग यू की सेना एकदम से डर गई और हार मानकर पीछे लौट गई।
चीन के ऑर्ट ऑफ वार में भी इसका उल्लेख
गानों के जरिए चीन अपनी हजारों साल पुरानी रणनीति पर काम कर रहा है। चीनी सेना के सैन्य रणनीतिकार सुन जू ने छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में अपनी बहुचर्चित किताब ‘आर्ट ऑफ वॉर’ में लिखा है कि सबसे अच्छा युद्ध कौशल वह होता है जो बिना लड़े ही जीत लिया जाए। उन्हीं की रणनीति पर काम करते हुए चीनी सेना और ग्लोबल टाइम्स जैसे कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र लद्दाख में भारतीय सैनिकों के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़े हुए हैं।
चीनी सेना के मोल्डो में लगाए लाउडस्पीकर
इस चाल के नाकाम होने के बाद उस समय भारतीय सेना के कमांडरों के हंसी का ठिकाना नहीं रहा जब चीनी सेना ने पैंगोंग झील के फिंगर 4 पर पंजाबी गाना बजाना शुरू कर दिया। वहीं एक चूसूल में चीनी सेना के मोल्डो सैन्य ठिकाने पर बड़े-बडे़ लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। इन पर चीनी सेना की ओर से कहा जा रहा है कि भारतीय सेना अपने राजनीतिक आकाओं के हाथों मूर्ख न बने। चीनी सैनिक हिंदी में कड़ाके की ठंड में इतनी ऊंचाई पर भारतीय सैनिकों को तैनात किए जाने की भारतीय नेताओं के फैसले की सार्थकता पर सवाल उठा रहे हैं। चीन की रणनीति यह है कि भारतीय सैनिकों के आत्मविश्वास को कमजोर किया जा सके और सैनिकों के अंदर असंतोष पैदा किया जा सके जो कभी भी गरम खाना नहीं खा पाते हैं।