प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू होगा ग्रामीण आबादी पट्टा वितरण
रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां मंत्रालय में प्रदेश के सभी 27 जिलों के कलेक्टरों और सभी पांच संभागीय कमिश्नरों की दिन भर चली मैराथन बैठक में समीक्षा के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने सभी कलेक्टरों को 18 महीनों का लक्ष्य दिया और कहा कि विभिन्न योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को छह-छह महीनों की कार्य योजना बनाकर इस अवधि में पूर्ण किया जाए। सरकार समय-समय पर इसका मूल्यांकन करेगी।
राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी पट्टों का वितरण एक अप्रैल से शुरू किया जाएगा, जो 18 माह तक चलेगा। इस अवधि में लगभग 50 लाख परिवारों को आबादी जमीन के पट्टे दिए जाएंगे। खाद्य विभाग की समीक्षा के दौरान डॉ. सिंह ने कहा-प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने दो साल में 25 लाख गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे दस लाख बढ़ाकर 35 लाख कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो इस योजना के सफल संचालन के लिए अपने 19 जिलों के दुर्गम क्षेत्रों में 50 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों और लैम्प्स को रसोई गैस वितरक बना रहा है। डॉ. सिंह ने जिला कलेक्टरों को इन समितियों में सिलेण्डर वितरण एक अप्रैल 2017 से शुरू करने के लिए अभी से तैयारी करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में दस लाख परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य है। आयल कम्पनियों-भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन आयल कार्पोरेशन द्वारा इनमें से अब तक छह लाख 97 हजार परिवारों को कनेक्शन स्वीकृति पत्र जारी किए जा चुके हैं, जबकि इनमें से करीब पांच लाख 88 हजार परिवारों को कनेक्शन सहित गैस चूल्हा दिया जा चुका है।
डॉ. सिंह ने कैशलेस लेनदेन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में ग्राम पंचायतों के स्तर पर चिप्स के माध्यम से लगभग छह हजार सामान्य सेवा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत इनमें जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि जारी करने सहित वर्तमान में 25 प्रकार की सरकारी सेवाएं दी जा रही हैं। इन सेवाओं की संख्या बढ़ाकर 200 करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
राजस्व विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा- विगत दो-तीन वर्षों में राजस्व विभाग में नायब तहसीलदारों और पटवारियों के रिक्त पदों पर पर्याप्त संख्या में भर्ती की गई है। अब राजस्व संबंधी काम-काज में गति आनी चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा-जमीन के सीमांकन का काम आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ है। इसलिए सभी कलेक्टर इस काम को प्राथमिकता दें और समयबद्ध ढंग से सीमांकन के आवेदनों का निराकरण किया जाए। डॉ. सिंह ने सौर सुजला योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस योजना में आगामी दो वर्षो में कलस्टर एप्रोच के तहत 50 हजार किसानों को उनके खेतों में आकर्षक अनुदान पर सोलर पम्प देने का लक्ष्य है। इसके लिए ऐसी जगह (नदी-नालों) जहां 08 महीने या अधिक समय तक पानी रहता है, वहां हितग्राहियों के समूह बनाकर सोलर पम्प वितरित किए जाएं। कलेक्टर और जिला पंचायत के सीईओ स्वयं फील्ड पर भ्रमण कर स्थानों का चयन करेंगे। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान प्रदेश में 25 हजार करोड रूपये की लागत के 170 महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण की प्रगति का ब्यौरा लिया।
स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा- इस अभियान से स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ जिलों में सुधार की जरूर है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता के परिणाम अच्छे रहे है। डॉ. सिंह ने अधिकारियों को स्कूल शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय वेबसाइट स्कूलवार सभी शिक्षकांे के नाम तथा शिक्षा का स्तर दर्ज करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पब्लिक डोमेन में जानकारी उपलब्ध होने से शैक्षणिक कार्य में पारदर्शिता और गुणवत्ता आएगी। डॉ. सिंह ने शाला विकास समितियों की तर्ज पर छात्रावास विकास समिति बनाने के भी निर्देश दिए।