लालू के जमीन पर बैठने के मामले पर बोले सीएम नीतीश

लालू के जमीन पर बैठने के मामले पर बोले सीएम नीतीश
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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती समारोह की सफलता बिहार के अंदर की क्षमता को दर्शाता है. इस आयोजन की सफलता से बिहार की छवि बाहर में अच्छी हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की छवि प्रदेश के बाहर के लोग खराब नहीं कर रहे हैं. राज्य के अंदर के कुछ लोगों की वजह से बिहार की छवि बाहर में बिगड़ी है. साथ ही प्रकाश पर्व के समारोह के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जमीन पर बैठने के मसले पर सीएम नीतीश ने कहा कि मुख्य समारोह में मंच पर बैठने का निर्णय यहां से नहीं हुआ.

मंच पर बैठने का निर्णय यहां से नहीं
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में लोक संवाद कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद नीतीश कुमार पत्रकारों काे संबोधित कर रहे थे. लालू प्रसाद के नीचे बैठने को लेकर विवाद पर सीएम नीतीश ने कहा कि मुख्य समारोह में मंच पर बैठने का निर्णय यहां से नहीं हुआ. आयोजनकर्ता गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी था. लालू जी ने भी इस पर ठीक ही बयान दिया है. वे वहीं बैठ कर प्रसन्न थे. कोई ऊपर बैठक कर मत्था टेका है क्या? क्या यह सिख समाज की परंपरा है? सिख में सब जमीन पर बैठता है. मंच पर बैठे थे, वे भी जमीन पर ही थे.

चंद लोगों की सोच और नजरिया नहीं बदल सकती

नीतीश कुमार ने कहा कि एक ही साथ पंजाब के तीन प्रतिद्वंदी प्रकाश पर्व में आये. अरविंद केजरीवाल, कैप्टन अमरेंद्र सिंह और प्रकाश सिंह बादल ने प्रशंसा किया. बादल ने तो कहा कि हम पंजाब में भी ऐसा नहीं कर सकते थे और ये लोग जमीन पर बैठक को लेकर परेशान हैं. इसे ही कहते हैं सोच. चंद लोगों की सोच और नजरिया बदल नहीं सकती है. इनमें थोड़ा बहुत तो बदलाव लायें. हम प्रार्थना करते हैं कि इनमें कुछ तो बदलाव आये.

राज्य के अंदर के कुछ लोगों की वजह से बिहार की छवि बाहर में बिगड़ी
बिहार की छवि बिहार के बाहर के लोग खराब नहीं कर रहे हैं. राज्य के अंदर के कुछ लोगों की वजह से बिहार की छवि बाहर में बिगड़ी है. पता नहीं बिहार को बदनाम करने में उनको क्या आनंद मिलता है? वे तरह तरह की मीन मेख निकालते रहते हैं. इसके पूर्व उन्होंने प्रकाश पर्व के सफल आयोजन के लिए सबों को बधाई और धन्यवाद देते हुए कहा कि इस आयोजन से तय हो गया कि बिहार में धार्मिक तौर पर कोई भेदभाव नहीं है.

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