भारतीय जवान ने बयां किया सेना का दर्द
नई दिल्ली: फेसबुक वीडियो के जरिए अधिराकियों पर घोटाले का आरोप लगाने वाले बीएसएफ जवान ने एबीपी न्यूज़ ने खास बातचीत में कहा कि उसने पहले भी शिकायत की थी. लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरी में उसने वीडियो डाला.
तेजबहादुर ने बात करते हुए कहा, ”मैंने इस बारे में अपने प्रजेंट कमांडर से तीन चार बार शिकायत की थी लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन वीडियो डालना पड़ा. और अगर मैंने वीडियो डाला तो क्या सच्चाई दिखाना गलत है? मैंने सिर्फ देश के नागरिकों को सच्चाई दिखाई है. 80% शिकायतें मौखिक होती हैं, मैंने भी शिकायत की थी.”
तेजबहादुर ने बताया, ”जिस इलाके में मैं था वहां ना तो कोई मीडिया है ना कोई अन्य साधन, अधिरकारी भी आते हैं तो शायद जवानों से मिलना पसंद नहीं करते. मैंने जो दिखाया है वो ग्राउंड रिपोर्ट है. मैंने वही खाना वीडियो में दिखाया जो मुझे दिया गया था.”
तेजबहादुर ने बताया, ”मुझे अभी पोस्ट से बटालियन हेडक्वाटर शिफ्ट कर दिया गया है. मेरी कमांडेंट से बात हुई उन्होंने मुझसे पूछा कि आप ने ऐसा किया है तो मैंने हां कहा. अब आश्वासन मिला है, देखते हैं आगे क्या होता है.”
अपने ऊपर लगे आरोपों और शिकायत की प्रकिया पर उठ रहे सवाल पर तेजबाहदुर ने कहा, “अगर मैं गलत था तो मुझे अवार्ड क्यों दिए गए. मैं बीएसएफ का गोल्ड मेडलिस्ट रहा हूं. मुझे कई बार अवार्ड मिले हैं.”
वीडियो में क्या कह रहा है जवान
वीडियो में तेज बहादूर कहते हैं, “देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं.” सोशल मीडिया पर अपने संदेश को डालते हुए तेज बहादुर ने अपील की है कि उसके दर्द को देश समझे.
बड़े अधिकारियों पर आरोप, सेना या सरकार पर नहीं
वीडियो में तेज बहादुर ने अपने सीनियर अधिकारियों पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. अपने कैंप के खाने पीने में हो रहे कथित घोटाले के लिए तेज बहादुर केवल अपने अधिकारियों पर आरोप लगा रहा है, सरकार या सेना प्रशासन पर नहीं. रोटी के एक टुकड़े और दाल के नाम पर हल्दी पानी का ये मसला उस समय और गंभीर हो जाता है जब आपको पता चलेगा कि तेज बहादुर को कहां और किस हालत में अपनी ड्यूटी निभानी पड़ती है.
साभार : ABP News