पेट्रोल पंप में कार्ड से पेमेंट का विवाद सुलझा, पढ़ें क्या था मामला
नई दिल्ली :पेट्रोल पंप मालिकों के विरोध के बाद बैंकों ने एक प्रतिशत मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लगाने के फैसले को 13 जनवरी तक टाल दिया है। दरअसल पेट्रोल पंप परिचालक कार्ड के जरिये भुगतान पर एक प्रतिशत शुल्क और उस पर कर लगाने के बैंकों के निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
रविवार को देर शाम पेट्रोल पंपों मालिकों ने इस शुल्क के विरोध में सोमवार से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं करने का फैसला किया था। सबसे पहले आईसीआईसीआई बैंक ने एमडीआर नहीं लगाने की बात कह कर स्पष्टीकरण जारी कर दिया।
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर कहा था कि कुछ बैंक अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं। इस शुल्क को ग्राहकों से वसूलने जैसी इसमें कोई बात नहीं है. लिहाजा डीलरों को वित्तीय नुकसान झेलना होगा।
गौरतलब है कि 8 नवंबर को मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने के बाद से पेट्रोल पंपों पर कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ गया है। सरकार नकद रहित भुगतान को बढ़ावा दे रही है। यहां तक कि उस दौरान सरकार ने बैकों को क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन पर 2% का शुल्क नहीं लेने का आदेश दिया था।
विरोध क्यों: दरअसल कुछ बैंकों ने पेट्रोल पंप मालिकों से एक प्रतिशत एमडीआर फीस वसूलने का फरमान सुनाया था। इस फैसले के विरोध में पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने कहा था कि वे कार्ड से भुगतान मंजूर नहीं करेंगे। देश भर में 56 हजार से अधिक पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 52 हजार पर पीएनबी, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक की स्वाइप मशीनें चलतीं हैं।
क्या है एमडीआर: एमडीआर का मतलब मर्चेट डिस्काउंट रेट होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी दुकान से कोई सामान खरीदता है और पीओएस मशीन पर कार्ड से भुगतान करता है तो दुकानदार पर यह चार्ज लगता है।