किसानों के लिए मोदी सरकार जितनी राशि पहले कभी किसी ने नहीं दी : तोमर
नई दिल्ली : देश में फसलों की कटाई व बुआई की स्थिति बताने के साथ ही खेती-किसानी की भलाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति समेत कृषि मंत्रालय से संबंधित अन्य गतिविधियों की जानकारी देने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि COVID-19 संकट के चलते प्रभावी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर, किसानों को हरसंभव राहत दी गई है। अकेले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम में ही गत 24 मार्च से अब तक करीब एक महीने में किसानों के खातों में 17,986 करोड़ रूपए जमा किए गए हैं। प्रारंभ से अब तक 9.39 करोड़ किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं तथा 71,000 करोड़ रू. की राशि अंतरित की जा चुकी है। किसानों की भलाई के लिए पहले कभी किसी भी सरकार ने इतने कम समय में इतनी ज्यादा राशि नहीं दी। साथ ही बताया कि जीडीपी में कृषि के योगदान के भी बढ़ने की उम्मीद है।
पत्रकार वार्ता में श्री तोमर के साथ नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चंद्र तथा कृषि मंत्रालय के सचिव श्री संजय अग्रवाल भी मौजूद थे। श्री तोमर ने बताया कि इस वर्ष फरवरी में पीएम-किसान का एक वर्ष पूरा हुआ। इस एक वर्ष में ही किसानों को सीधे आय संबंधी सहायता देने का निर्णय लिया गया। पीएम मोदी जी की सरकार ने सभी किसान परिवारों के लिए इस स्कीम को लागू कर अपना वचन निभाया, क्योंकि पहले मूल स्कीम के तहत केवल छोटे और सीमांत किसान ही शामिल थे। कोविड महामारी के दौरान भी इस कार्यक्रम से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हुए हैं। हमने किसानों को 24 मार्च 2020 से अब तक 17,986 करोड़ रू. अंतरित किए हैं। प्रारंभ से अब तक 9.39 करोड़ किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं तथा इस संबंध में 71,000 करोड़ रू. की राशि अंतरित की गई है। एक अप्रैल से 31 जुलाई 2020 की अवधि के लिए देय किस्त का अप्रैल के पहले पखवाड़े की अवधि के भीतर 8.13 करोड़ लाभार्थियों को भुगतान कर दिया गया था।
रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन
श्री तोमर ने बताया कि वर्ष 2018-19 में 285.20 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ था, जबकि 2019-20 (अनुमानित) में यह आंकड़ा 291.95 मिलियन टन है और अब 2020-21 (लक्षित) में 298.3 मिलियन टन उत्पादन की उम्मीद है। दलहन के उत्पादन में 28.3 प्रतिशत की वृद्धि करके प्रोटीन क्रांति लाई गई है, जिसके तहत वर्ष 2014-15 में दलहन का उत्पादन 17.20 एमटी से बढ़कर 2019-20 में 23.02 एमटी हो गया। ग्रीष्मकालीन फसलों पर विशेष ध्यान दिए जाने के कारण पिछले वर्ष 41.31 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष इस वर्ष 57.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर बुआई की गई है, जो कि 38 प्रतिशत ज्यादा है।