कोरोना संकट में भी आगामी त्रैमास में व्यापक पैमाने पर मिले जरूरतमंदों को रोजगार
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना समस्या कम होने के बाद जरूरतमंदों को राहत देने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अगले 3 माह में रोजगार की व्यापक संभावनाओं पर चर्चा की। श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण वायरस से शहरी और ग्रामीण इलाकों में मजदूरी से जुड़े लोगों का जीवन काफी प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक चुनौती है, इसे अवसर में बदलना है। प्रदेश में विकास की नई राह बनाना है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लॉक डाउन की स्थिति समाप्त होने के बाद श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाने का कार्य शुरू किया जाना बहुत आवश्यक होगा। इसके लिए ग्रामों और शहरों में ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, लोक निर्माण, वन और अन्य विभाग विभिन्न कार्यों के संचालन का खाका तैयार करें। श्री चौहान ने अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्री मनोज श्रीवास्तव को इस संबंध में रोजगार से जोड़े जाने वाले श्रमिकों की अनुमानित संख्या का आकलन कर अवगत कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले त्रैमास मई, जून, जुलाई में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से रोजगार के इच्छुक व्यक्तियों को जोड़ने का कार्य किया जाए। इसकी आवश्यक तैयारी इसी सप्ताह पूर्ण कर ली जाए। अभियान के तौर पर रोजगार बढ़ाने की कार्य योजना बना कर उसका क्रियान्वयन किया जाए। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस एवं अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन उपस्थित थे।
अप्रभावित क्षेत्रों में न रूकें कार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे ग्रामीण क्षेत्र, जो कोरोना समस्या से मुक्त हैं, वहां निर्माण कार्यों और श्रमिकों के आने-जाने पर प्रतिबंध न हो। लॉक डाउन समाप्ति के पूर्व भी कंटेनमेंट क्षेत्र न होने की दशा में मनरेगा सहित अन्य श्रमिकों को कार्य के लिए आवाजाही की सुविधा दी जाए। इस संबंध में जिलों में आवश्यक निर्देश भेजे जाएं। जहाँ रोग से संक्रमित व्यक्ति हों, उन्हें निर्माण और कार्यस्थल पर न आने दें। पूर्ण सावधानी के साथ कार्यों का संचालन हो। ग्रामों में मेड़ बंधान, वृक्षारोपण आदि कार्यों से किस तरह अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को रोजगार मिले, इसकी व्यवस्था की जाए।
कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में व्यापक रोजगार की संभावनाएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि के अलावा गैर कृषि क्षेत्र में भी रोजगार सृजन की काफी संभावनाएँ विद्यमान हैं। मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत संपादित होने वाले विभिन्न कार्यों और उनसे रोजगार सृजन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। श्री चौहान ने कृषि क्षेत्र में गेहूँ उपार्जन के साथ-साथ चना और सरसों के उपार्जन कार्य, फल खरीदी केन्द्रों की गतिविधियों, ग्रेडिंग एण्ड पैकेजिंग, तुवर एवं मूंग प्र-संस्करण, कृषि सखी, पशु सखी ड्राइव, आजीविका फ्रेश के माध्यम से सब्जी आपूर्ति दुग्ध उत्पादन, पशुपालन गतिविधियों की जानकारी लेते हुए रोजगार संभावनाओं का विवरण प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने आजीविका गतिविधि के अंतर्गत जिलों में संचालित गतिविधियों की भी जानकारी प्राप्त की। अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि सीधी और सिंगरौली जिलों में कोदो-कुटकी परियोजना, छतरपुर, शिवपुरी, श्योपुर और गुना में डेरी विस्तार कार्यक्रम, नौ आदिवासी जिलों में कृषि विस्तार कार्य, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और कृषि उत्पाद के एकत्रीकरण में 44 उत्पादक कंपनियों की गतिविधियों और इनसे रोजगार सृजन की संभावनाओं का अध्ययन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस संबंध में क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
महिलाओं के लिये बड़े पैमाने पर वस्त्र और गणवेश आपूर्ति की कार्य योजना बनाएं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएँ एक बड़ी ताकत हैं। इन्हें रोजगार देने वाले कई कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं। विशेष रूप से माता की रसोई के गठन की दिशा में शीघ्र कार्यवाही की जाए। इसके अंतर्गत महिलाओं की कार्य कुशलता का उपयोग किया जा सकता है। मास्क एवं अन्य सुरक्षा उपकरण के निर्माण के कार्य और शिशुओं के लिए वस्त्र तैयार करने के कार्य की भी योजना तैयार की जाए। गणवेश आपूर्ति का दायित्व महिलाओं को दिया जा सकता है। स्व-सहायता समूह यह कार्य आसानी से कर लेंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य में प्रारंभिक उद्यमिता कार्यक्रम से महिलाओं को कोरोना संकट के बाद आर्थिक कठिनाईयों से उबारने का एक बड़ा माध्यम बताया। श्री चौहान ने इस क्षेत्र में महिला सदस्यों के लिए मॉस्क बनाने और सेनेटरी नेपकिन बनाने के कार्य में बड़े पैमाने पर मौजूद रोजगार की संभावनाओं को साकार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के लिए गणवेश तैयार करने का कार्य उद्यमिता कार्यक्रम में लेने की संभावनाओं का शीघ्र अध्ययन कर प्रतिवेदन देने को कहा। श्री चौहान ने गैर कृषि क्षेत्र में अन्य गतिविधियों के संपादन पर भी चर्चा की।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना, वाटरशेड विकास और मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के कार्यों में श्रमिकों के संभावित नियोजन की जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, पंच परमेश्वर योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और अन्य आर्थिक उन्नयन की गतिविधियों से रोजगार की नई संभावनाओं पर भी बातचीत हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम से जुड़े लोगों की संख्या में वृद्धि के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की।
समय पर प्रारंभ हों महुआ खरीदी कार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रमुख सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल को निर्देश दिए कि 25 अप्रैल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर महुआ की खरीदी और वनवासियों को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की जाएं। इस व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार कर महुआ एकत्र करने वालों को आवश्यक सूचना भी दी जाए। श्री चौहान ने वन विभाग द्वारा तेन्दूपत्ता तुड़ाई, वन मार्ग के निर्माण, बिगड़े वनों के सुधार जैसे कार्यों से भी जरूरतमंदों को भी प्राथमिकतापूर्वक रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री संजय दुबे और प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री मलय श्रीवास्तव ने भी जरूरतमंद लोगों के लिए आगामी तीन माह में रोजगार सृजन के संभावनाओं की जानकारी दी।