कोरोना वाइरस के संकट को समाप्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से की सामाजिक संगठनों से चर्चा
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों, प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी का संकट बड़ा है, पर हमारा हौसला उससे भी बड़ा है। कोरोना वायरस के संकट को समाप्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस संकट से निपटने में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। लोगों की मदद करने के लिये सरकार के साथ समाज भी आगे आया है। स्वयं सेवी संगठन, धार्मिक संगठन, औद्योगिक इकाइयां आदि मदद के लिए आए हैं। यह प्रसन्नता की बात है। सभी कलेक्टर इनसे समन्वय कर जनता की मदद का कार्य अनवरत जारी रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी गरीब भाई-बहनों के लिए भोजन आदि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। होस्टल्स आदि में सूखा अनाज प्रदाय की व्यवस्था भी की जा रही है। श्री चौहान ने कहा कि नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिदिन 9 व्यक्तियों को भोजन प्रदाय करें, यह बड़ा पुण्य कार्य होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि खाद्य सामग्री, दवाइयों एवं अन्य सामग्री लाने-ले-जाने वाले वाहनों पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि दवाओं और किराना दुकानों के खुलने पर कोई रोक नहीं है। चाहे ग्राम हो या शहर, कलेक्टर इनका खुलना सुनिश्चित करें। कोरोना के लिए दी जाने वाली सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष में दें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कालाबाज़ारी करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें। कलेक्टर्स आटा मिलों आदि को 2135 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर उचित मूल्य गेहूं नान के माध्यम से दिलवा सकते हैं। गांवों में पंच परमेश्वर की राशि से गरीबों के भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था की जा सकती है। जो व्यक्ति पीडीएस में कवर्ड नहीं हैं, उन्हें भी कलेक्टर उचित मूल्य राशन दिलवा सकते हैं। कोरोना पीड़ितो की मदद के लिए कलेक्टर रेडक्रॉस की राशि खर्च कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को किसानों की पूरी चिंता है। सरकार विचार कर रही है कि किस प्रकार बिना भीड़ इकट्ठा किए समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी करे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर ध्यान रखें कि बिना जांच के कोई व्यक्ति राज्य में न आए। फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर आने दें लेकिन चालक की जांच कर लें। प्रदेश के जो लोग दूसरे प्रदेशों में फंसे है, उनकी मदद के लिए सरकार ने व्हाट्सएप्प नंबर 8989011180 निर्धारित किया है। इस पर आज 11 हज़ार कॉल आ चुके हैं। इसके अलावा, कोरोना हेल्प लाइन नम्बर 104 एवं 181 पर भी कॉल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए विशेष पैकेज एवं राज्य द्वारा दिए गए पैकेज का लाभ कलेक्टर्स अपने ज़िलों में लोगों को दिलवाएं।