वनविहार की शोभा बढ़ायेंगे बांधवगढ़ में पले बाघ-बाघिन

वनविहार की शोभा बढ़ायेंगे बांधवगढ़ में पले बाघ-बाघिन
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उमरिया – मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व विन्सेंट रहीम ने बताया कि बांधवगढ़ के मगधी परिक्षेत्र के अंतर्गत बहेरहा बाड़ों में रखे गए एक मादा एवं एक नर बाघ को वनविहार हेतु गत दिवस रवाना किया गया। मादा बाघ को उसके बाडे के बाहर पिंजरा लगाकर पिंजरा में भोजन डाला गया जिसे खाने के लिए उक्त मादा पिंजरे के अंदर आ गया एवं उसे बिना किसी दवा के निश्चेतित किया गया। भौतिक रूप से पिंजरे में बंद कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रेस्क्यू वाहन में लोड किया गया। नर बाघ को वन्यजीव पशु शल्यज्ञ की टीम जिसमें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रभारी वन्यजीव पशु शल्यज्ञ डॉ. सेंगर एवं वन विहार से आए वन्यजीव पशु शल्यज्ञ सम्मिलित थे, के द्वारा बाड़े के समीप ही डॉटगन से इन्जेक्शन देकर बेहोश किया गया एवं तदुपरांत नाप-जोख एवं वजन की माप कर पिंजरे में स्थानांतरित किया गया। पुनः इन्जेक्शन देकर बाघ को बेहोशी से बाहर लाया गया एवं वनविहार के रेस्क्यू वाहन में पिंजरे को चढ़ाकर बाघ को वनविहार हेतु रवाना किया गया।
उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत रन्छा मादा बाघिन जिसे टी-20 कहा जाता था की दूसरी संतति की बेटी के उक्त शावक थे जिन्हें नवम्बर 2017 में एक किल के पास इनकी मां द्वारा छोड़ दिया गया था दो दिन तक उक्त शावक की निगरानी की गई परंतु जब इनकी मां इन्हें लेने नहीं आई तो इन्हें बमेरा में लाकर दूध पिलाकर जीवित रखा गया एवं धीरे-धीरे इन्हें कीमा, कटा हुआ मुर्गा, बकरे का मांस, जीवित पाड़ा एवं जीवित चीतल आदि दिए गए जिसका शिकार कर खाना इनके द्वारा सीख लिया गया। एक वर्ष चार माह की उम्र में इन्हें 6 अप्रैल 2019 को बहेरहा स्थित बाड़े में स्थानांतरित किया गया एवं वहां निरंतर देख-भाल की गई। इन शावकों को बचपन से ही मानव द्वारा पाल-पोषकर बड़ा किया गया था अतः ये मानवों की उपस्थिति के आदि हो चुके थे एवं बाड़ों के समीप किसी भी व्यक्ति के जाने पर ये उसके पास आने का प्रयास करते थे। वर्ष 2019 में एक दल द्वारा बहेरहा स्थित बाड़े में रखे गए समस्त शावकों एवं उनके व्यवहार का परीक्षण किया गया एवं उनके द्वारा अनुशंसा की गई कि उक्त दोनो वयस्क हो रहे शावकों को वनविहार में भेजा जाना उचित होगा। विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा अनुसार इनको वनविहार स्थानांतरण का प्रस्ताव बनाकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा भेजा गया एवं नियमानुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक म.प्र. भोपाल का विधिवत आदेश प्राप्त किया गया तदुपरांत वनविहार, भोपाल के प्रबंधन से चर्चा कर इन्हें 26 फरवरी 2020 को वनविहार हेतु रवाना किया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विन्सेन्ट रहीम, उमरिया जिला के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी, मगधी एवं ताला परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी एवं अन्य स्टाफ तथा वनविहार से सहायक पशु शल्यज्ञ एवं सहायक स्टाफ उपस्थित रहा।

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