मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने आईआईटी दिल्ली में स्वच्छ वायु प्रौद्योगिकियों प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
नई दिल्ली : केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री श्री संजय धोत्रे ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में स्वच्छ वायु प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केन्द्र द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी रोपड, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद और आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित स्वच्छ वायु प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया है। आईआईटी दिल्ली ने अपने यहां शुरू किए गए एरोग्राम और क्रिया लैब्स नामक स्टार्ट-अप्स के माध्यम से स्वच्छ हवा के क्षेत्र में किए गए कार्य का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर श्री संजय धोत्रे ने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरणीय चिंताओं के इस युग में स्वच्छ पर्यावरण के संबंध में नागरिक जागरूकता को सबसे अधिक प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश में वायु प्रदूषण के बढ़ते हुए स्तरों से लड़ने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकार स्वच्छ वायु के मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सभी संभव उपाए कर रही है और देश में स्वच्छ वायु प्रौद्योगिकी के विकास और प्रोत्साहन के लिए सभी संभव सहायता उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि भारत सरकार देश में सतत आधार पर प्रदूषण के स्तरों को कम करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के हर नागरिक और हर संगठन के लिए देश में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए राष्ट्रीय प्रयास में जुड़ कर सम्मिलित योगदान देना बहुत महत्वपूर्ण है। उपलब्ध कानूनों के सहयोग, नीतिगत उपायों को लागू करके, प्रदूषण कानूनों को अमल में लाकर, जागरूकता अभियानों या हमारे आईआईटी जैसे अनुसंधानों द्वारा विकसित कम लागत वाली स्वदेशी स्वच्छ वायु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर आशाजनक परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। भारत सरकार तकनीकी विकास, प्रौद्योगिकी औद्योगिकीकरण, वैश्विक सहयोग और अनुसंधान तथा विकास में निवेश के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में निवारक कदम उठाए जाने की जरूरत है।
श्री धोत्रे ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों द्वारा किए जा रहे उच्च स्तर के अनुसंधान का प्रदर्शन करने का अवसर उपलब्ध कराती है। इसके अलावा इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग के लिए एक उत्कृष्ट मंच उपलब्ध कराती है ताकि पूरे राष्ट्र द्वारा इसके लाभ उठाए जा सकें।