अखिलेश ने 5 घंटे में 910 योजनाओं का किया शिलान्यास और लोकार्पण
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तेज होती आहट के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जिसे शायद ही भविष्य में कोई मुख्यमंत्री तोड़ पाए। उन्होंने एक दिन में 5 घंटे के भीतर 60,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 910 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर डाला। इसमें क्रिकेट स्टेडियम, कैंसर इंस्टिट्यूट, मल्टीप्लेक्स, लाइब्रेरी, ओलिम्पिक साइज स्विमिंग पूल, शान-ए-अवध सिग्नेचर बिल्डिंग और मंडी परिषद की बिल्डिंग सहित तमाम ऐसी योजनाएं हैं जो अभी पूरी भी नहीं हुई हैं।
भाजपा और बसपा समेत प्रतिपक्षी दल भले ही इन परियोजनाओं को आधा-अधूरा करार दे रहे हैं। अखिलेश ने मंगलवार के दिन की शुरूआत अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक समारोह में कई अस्पतालों आवासीय परियोजनाओं, हॉकी स्टेडियम, तरणताल सडकों और कई जिलों में अवस्थापना विकास आदि का लोकार्पण कर किया। केसरबाग के नवनिर्मित आधुनिक बस स्टेशन का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार ने हवाई अड्डों की तर्ज पर परिवहन निगम के बस अड्डों को विकसित करने की शुरुआत कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, लोहिया ग्रामीण परिवहन सेवा, ग्रामीण क्षेत्रों और विशेष रूप से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए चलाई जा रही है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा हर साल 54 करोड़ से अधिक यात्रियों को बस यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। अखिलेश ने लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए गए कैसरबाग मॉडर्न बस स्टेशन को लोकार्पित किया।
उन्होंने कहा, यह प्रदेश का पहला बस स्टेशन है, जो पूरी तरह से वातानुकूलित है। बस स्टेशन में दिव्यांगों के प्रवेश के लिए अलग से मार्ग बनाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए 32 सीसीटीवी कैमरे, आधुनिक रेस्त्रां, शौचालय, आधुनिक वेटिंग रूम आदि की व्यवस्था की गई है। साथ ही, बस स्टेशन की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए 40 किलोवॉट बिजली उत्पादन क्षमता का सोलर पावर प्लांट भी लगाया गया है।
अखिलेश ने कहा, ग्रामीण यात्रियों को शिक्षा, कारोबार एवं रोजगार के अवसरों से जोड़ने के लिए, तहसील, जनपद एवं मंडलीय मुख्यालयों से ग्रामीण अंचलों को जोड़ते हुए यह सेवा संचालित की जा रही है। इस परिवहन सेवा का किराया साधारण किराए से 25 फीसदी कम रखा गया है। इस परिवहन सेवा के तहत बड़ी संख्या में बसों का संचालन किया जा रहा है। इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने लोहिया ग्रामीण बसों की खरीद के लिए इस साल 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे जनता के लिए खोल दिया गया है लेकिन इसमें काफी काम अब भी बचा हुआ है। 21 नवम्बर को इसके तीन किलोमीटर खंड को लडाकू जहाजों के छूकर उड़ जाने के साथ ही इसका लोकार्पण कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश की अतिमहत्वाकांक्षी और बहुप्रचारित लखनऊ मेट्रो परियोजना के पूरा होने में अब भी महीनों लग सकते हैं। सरकार ने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर तोहफा देते हुए इस महीने के शुरू में ही इसका शुभारंभ कर दिया।
प्रदेश की राजनीति में मुख्य प्रतिद्वंदी मानी जाने वाली बसपा मुखिया मायावती ने उपहास उडाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश आधी अधूरी परियोजनाओं के लोकार्पण से जनता को लुभाना चाहते हैं। लगता है कि बहुत जल्दी में हैं।
मुख्यमंत्री की जल्दबाजी समझ में भी आती है। वजह यह कि चुनाव आयोग कभी भी प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है और उसके बाद चुनावी आचार संहिता लागू हो जाने के बाद लोकलुभावन कार्यक्रम संभव नहीं हो पायेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने प्रदेश सरकार पर हर योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव की आहट के मद्देनजर आधी-अधूरी परियोजनाओं का लोकार्पण कर रहे हैं।
गोयल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार की सभी परियोजनाओं और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार हुआ है। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर सामान्य से दोगुनी धनराशि खर्च की गयी है। प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनेगी तो इन घोटालों की जांच की जाएगी।
विपक्षी दलों के आरोपों को दर किनार करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश ने निर्माणाधीन जेपी इन्टरनेशनल सेंटर में एक तरणताल का लोकार्पण करते हुए कहा, ‘इनमें से अधिकांश परियोजनाएं कुछ ही महीनों में पूरी होकर जनता के लिए उपलव्ध हो जायेगी मगर तब तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है और सरकार उनका लोकार्पण नहीं कर पायेगी।’
उन्होंने कहा, ‘हम इन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण इसलिए कर रहे कि लोगों को याद रहे कि हमारी सरकार प्रदेश के विकास के लिए कितनी प्रतिबद्ध है।’ भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश की जल्दबाजी इस बात का प्रमाण है कि विधानसभा चुनाव में उन्हें उनकी पार्टी की हार साफ दिखने लगी है।
कांग्रेस प्रवक्ता देवेन्द्र प्रताप सिंह का कहना है कि किसी सरकार का आकलन उसके पूरे काम काज से किया जाता है। परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण की हडबडी तो अखिलेश सरकार के विश्वास की कमी को ही दर्शाता है।