मोदी सरकार का बजट निर्मला का हवामहल : कांग्रेस

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रायपुर : बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केन्द्रीय बजट निर्मला का हवा महल है इसके अलावा कुछ नहीं। इस बजट में कुछ भी नया नहीं है। किसानों की आय दुगनी करने की बाते तो है लेकिन कैसे दुगनी होगी इस बारे में बजट खामोश है। युवाओं, बेरोजगारों, छात्रों के लिये इस बजट में कुछ भी नहीं है। जिस देश में नालंदा तक्षशिला की गौरवशाली परम्पराएं रही है, जिस देश में जेएनयू जैसे विश्वविद्यालय है, जहां एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों से आकर छात्र पढ़ा करते थे, उस देश में शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देकर मोदी सरकार ने व्यापार जगत की दुर्दशा करने के बाद अब शिक्षा जगत की दुर्दशा करने ठान ली है। अब छात्रों के जले पर नमक छिड़कने के लिये शिक्षा में एफडीआई ला रहे है। इस बजट के निराशाजनक का सबसे बड़ा सबूत बजट पेश करते ही सेंसेक्स में 600 अंकों की गिरावट दर्ज हुयी है। व्यापार, उद्योग जगत ने भी इस बजट को देश की अर्थव्यवस्था के लिये अच्छा नहीं माना है।

मोदी सरकार के बजट में छत्तीसगढ़ की जिस प्रकार से उपेक्षा की गई है वे बेहद दुखद और निराशाजनक है। बिलासपुर जोन से देश में सबसे ज्यादा रेल को आय प्राप्त होती है लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ को एक भी नई ट्रेन नहीं दी गई। छत्तीसगढ़ के 12 जिलें रेल सुविधा से पूरी तरीके से वंचित है और इन जिलों को जोड़ने के लिये कोई प्रावधान इस बजट में नहीं किया गया है। मोदी सरकार ने रेल के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को निराश किया है।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बैंक डूबने पर पांच लाख की तो गारंटी पर बैंक के नहीं डूबने की कोई गारंटी नहीं है। पूरा देश इस बजट भाषण को निर्मला जी के 2) घंटे लंबे भाषण को बड़े ध्यान से सुन रहा था लेकिन पूरा सुनने के बाद ऐसा लग रहा है कि बजट सिर्फ निर्मला जी का हवामहल है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बड़ी-बड़ी बाते करने वाली मोदी सरकार ने पिछले साल 280 करोड़ का प्रावधान करने के बाद सिर्फ 44 करोड़ खर्च किया। जीएसटी में ऐतिहासिक सुधार का दावा बजट भाषण में वित्त मंत्री द्वारा किया गया जबकि देश के व्यापारी एकाउंटेंट और आम उपभोक्ता इस गब्बर सिंह टैक्स से विगत ढाई साल से पीड़ित है। रोज नये नियम बनाये जाते है और रोज नियम बदले जाते है। 28 प्रतिशत की भारी भरकम जीएसटी की दर दुनिया में और नहीं है। किसानों की आय दुगनी करेंगे बोलने वाली निर्मला ने 2022 तक कैसे करेंगे और इसकी क्या कार्य योजना है? यह बजट भाषण में नहीं बताया। स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिशे लागू करने का वादा तो 2014 और 2019 के घोषणा पत्र में किया गया लेकिन इसका भी कोई जिक्र बजट में नहीं है। ये बजट पूरी तरह से निराशाजनक है, देश के लिये नुकसानदेह है और मंदी से अर्थ व्यवस्था को उबारने का कोई उपाय इस बजट में नहीं किया गया है।

आयकर के नये नियमों को मध्यम वर्ग के साथ धोखा निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आयकर की सीमा बढ़ाने के साथ-साथ छूट वापस लेकर मोदी सरकार ने एक हाथ से लेकर दूसरे हाथ से वापस ले लिया है। यह मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं पर कुठाराघात है।

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