रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय रेल द्वारा आईपी आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित होगी

रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए भारतीय रेल द्वारा आईपी आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित होगी
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नई दिल्ली : प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के क्रम में, भारतीय रेल की ओर से स्टेशनों, यानी प्रतीक्षालयों, आरक्षण काउंटरों, पार्किंग क्षेत्रों, मुख्य प्रवेश/निकास द्वार, प्लेटफॉर्मों, फुट ओवर ब्रिजों, बुकिंग कार्यालयों आदि में इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली (वीएसएस) स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। रेलवे बोर्ड ने निर्भया निधि के तहत भारतीय रेल के 983 स्टेशनों में वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने के लिए कार्यों को मंजूरी दी है। इस वर्ष वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने के लिए निर्भया निधि से भारतीय रेल को 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

रेल मंत्रालय के तहत एक मिनी रत्न सार्वजनिक उपक्रम- रेलटेल को वीडियो एनालिटिक्स एवं फेशियल रिकोग्नीशन प्रणाली सहित आईपी आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। बेहतर कवरेज और स्पष्ट तस्वीर पाने के उद्देश्य से, चार प्रकार के फुल एचडी कैमरे – गुम्बद आकार (आंतरिक क्षेत्रों के लिए), बुलेट आकार (प्लेटफॉर्मों के लिए), पैन टिल्ट जूम आकार (पार्किंग क्षेत्रों के लिए) और अल्ट्रा एचडी-4के कैमरे (महत्वपूर्ण स्थानों के लिए) लगाए जा रहे हैं। निगरानी के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के नियंत्रण कक्ष में अनेक स्क्रीनों पर सीसीटीवी कैमरे के लाइव फीड दर्शाए जा रहे हैं। स्टेशन पर प्रत्येक एचडी कैमरा प्रतिमाह लगभग एक टीबी डाटा खपत करता है और चार कैमरे चार टीबी डाटा खपत करते हैं। घटना के बाद विश्लेषण तथा जांच के लिए सीसीटीवी कैमरों से वीडियो फीडों की रिकॉर्डिंग को फिर से देखने के लिए 30 दिनों तक स्टोर किया जाएगा। महत्वपूर्ण वीडियो को और भी अधिक अवधि के लिए स्टोर किया जा सकता है।

वीडियो सर्विलेंस प्रणाली की परियोजना के बारे में रेलटेल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री पुनीत चावला ने कहा कि पहले चरण में देशभर में 200 स्टेशनों पर वीएसएस स्थापित की जा रही है तथा अब तक देशभर में 81 स्टेशनों पर कार्य पूरा हो चुका है। वीडियो सर्विलेंस प्रणाली को जल्द ही अन्य स्टेशनों और कोचों तक विस्तारित किया जाएगा। महिलाओं की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्भया निधि के इस्तेमाल से यह कार्य किया जा रहा है।

प्रथम चरण में जो इस वर्ष के लिए लक्षित है, दक्षिण-पश्चिम रेल (एसडब्ल्यूआर) ने हाल में 6 प्रमुख स्टेशनों में वीडियो सर्विलेंस प्रणाली (सीसीटीवी) शुरू की है। इसके तहत बेल्लारी में 33 कैमरे, बेलागावी में 36 कैमरे, वास्को द गामा में 36 कैमरे, बैंगलुरू कैंट में 21 कैमरे, बांगरपेट में 36 कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही, 3 स्टेशनों – हासन, शिवमोगा टाउन और सत्य साई प्रशांति निलयम में कार्य प्रगति पर है तथा इसे जल्द ही चालू किया जाएगा। सीसीटीवी सहित समन्वित सुरक्षा प्रणालियां 11 स्टेशनों में स्थापित की गई हैं, जिनमें 71 कैमरों सहित बैंगलुरु, 35 कैमरों सहित यशवंतपुर और 34 कैमरों सहित मैसूरु शामिल हैं। इसके साथ दक्षिण-पश्चिम रेल के 17 स्थानों पर सीसीटीवी क्रियाशील है और प्रथम चरण में, जनवरी, 2020 के अंत तक कुल 20 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी लागू करने का काम पूरा हो जाएगा। सुरक्षा कर्मचारी न केवल स्टेशन के नियंत्रण कक्षों से इन कैमरों की निगरानी कर सकते हैं, बल्कि डिविजनल मुख्यालय यानी हूब्बाली, मैसूरु और बैंगलुरु स्थित केन्द्रीय सुरक्षा नियंत्रण कक्षों से भी इसकी निगरानी कर सकते हैं।

पश्चिमी रेलवे के भावनगर टर्मिनस, उधना, वलसाड, नागदा, नवसारी, वापी, विरागाम, राजकोट, गांधीधाम नामक दस रेलवे स्टेशनों पर भी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली (वीएसएस) स्थापित की गई है। वीडियो सर्विलेंस प्रणाली से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों तथा रेलवे की संपत्ति की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होने का अनुमान है।

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