सुरक्षित होगा रेल सफर, CCTV कैमरे कोच में
रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचानेवालों और रेल और स्टेशनों में अपराध करनेवालों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मेल और एक्सप्रेस ट्रेन की 58, 600 कोचों में 2022 मार्च तक कैमरा लगाने की तैयारी हो रही है। अपराधियों और शरारती तत्वों को पकड़ने के लिए यह शुरुआत की जा रही है। रेलवे बोर्ड चेयरमैन वी के नायडू ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय परिवहन की कोशिश कृत्रिम इंटेलिजेंस और फेस रिकगनाइजेशन (चेहरा पहचानने की मशीन) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता। अपराधियों पर सख्ती के लिए रेलवे इन सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
आर्थिक मोर्चे पर रेलवे के लिए संकट का समय
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में रेलवे दुर्घटना में किसी यात्री की जान नहीं गई। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि आर्थिक मोर्चे पर रेलवे की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। उन्होंने बचाया कि इस साल रेलवे का ऑपरेटिंग अनुपात 121% रहा जो पिछले वर्ष 113% तक था।
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उन्होंने रेलवे की भविष्य की योजनाओं पर कहा कि सीसीटीवी कैमरे से यात्रियों की निजता में कोई दखल नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हम सीसीटीवी कैमरा सभी कोच, कॉरिडोर और दरवाजों के ऊपर लगाएंगे। यात्रियों की प्राइवेसी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मार्च 2022 तक सभी 6,100 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना पर काम हो रहा है।’
फेस रिकगनाइजेशन सिस्टम पर भी हो रहा काम
अपराधियों को पकड़ने के लिए रेलवे आधुनिक तकनीक प्रयोग पर जोर दे रहा है। रेलवे सुरक्षा बल फेस रिकगनाइजेशन सिस्टम को मौजूदा क्रिमिनल डेटा रेकॉर्ड से जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। रेलवे कोच और स्टेशन पर घूमनेवाले अपराधियों पर नकेल कसने के लिए रेलवे ऐक्शन प्लान के तहत काम कर रहा है।